परीक्षा दास के निवास सहित 11 कमरों को किया गया सीज
अयोध्या। विगत 10 वर्षों से विवादित कबीरमठ प्रकरण में उचतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुये अयोध्या के जिलाधिकारी ने मठ मे रिसीवर का चार्ज लिया है। कबीरमठ के महंत उमाशंकर के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार श्री कबीर धर्म मंदिर सेवा समिति जियनपुर अयोध्या में एक दशक से चल रहे स्वामित्व के मामले को लेकर उच्चन्यायालय लखनऊ खंडपीठ ने मठ के विवाद के एक अहम पायदान में जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त करने का आदेश दिया था। उक्त आदेश का परिपालन करते हुये पूर्व अध्यक्ष परीक्षा दास के निवास सहित 11 कमरों को सीज कर दिया।
गौरतलब हो कि दो माह पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार एवं चित्तफंड सोसायटी अयोध्या द्वारा परीक्षादास व धर्मप्रकाश दास को सत्र न्यायालय द्वारा सज़ायफ्ता मुकर्रार किये जाने के बाद इन दोनों को मठ के तीनों प्रारूप से इनकी सदस्यता ख़ारिज करते हुये मंदिर में रहने के अयोग्य करार दिया गया था स उसी के मद्देनजर प्रसासन ने तत्परता दिखाते हुये आगामी फैसले तक के लिए कार्यवाही की है। श्री कबीर धर्म मंदिर सेवा समिति के प्रकरण में हाई कोर्ट लखनऊ द्वारा जिला मजिस्ट्रेट अयोध्या को 14 सितंबर की डेट में तलबी होने के बाद जिला प्रशासन आया हरकत में स उपजिलाधिकारी सदर सहित तहसीलदार अयोध्या को किया गया रिसीवर नियुक्त स रिसीवर तहसीलदार सदर मौके पर 4 घंटों के कड़ी मशक्कत के बाद परीक्षा दास के कमरे सहित कबीर मठ को किया सीज परीक्षा दास रिसीवर के बने रहने तक मठ परिसर में उनके आने को किया प्रतिबंधित स मठ परिसर में कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता स साथ ही कबीर मठ की खेती-बारी से संबंधित मामले एवं समस्त संपत्तियों को रिसीवर तहसीलदार सदर ने किया अपने अंडर।
बताते चलें कि इस बीच मठ परिसर में बिना डीएम के परमिशन के किसी भी प्रकार के सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाते हुये तथा मंदिर सदस्य के अतिरिक्त किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश परिसर में रोक लग गया है स इसके अलावा मठ के आय-व्यय से संबंधित पाई-पाई का हिसाब माननीय रिसीवर रखेंगे जबतक कि अगला आदेश नहीं आ जाता। इस बीच कबीरधारा पत्रिका कार्यालय को बहाल रखते हुये सम्पादक शीलदास को उसका अनवरत प्रकाशन करते रहने का भी निर्देश दिया है, जो कि अबतक का प्रकाशन अधिभार जनसहयोग से होता आ रहा था जिसके बाद अब उक्त अधिभार महंत उमाशंकर दास के थ्रू माननीय रिसीवर द्वारा प्राप्त होगा स इस प्रकार देखा जाय तो मठ पर काबिज उमाशंकर गुट के लिए उक्त कार्यवाही राहत भरा कदम कहा जा सकता है।