-सरयू किनारे लक्ष्मण किला मैदान पर चल रही है फिल्मी कलाकारों की रामलीला
अयोध्या।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में मोक्षदायिनी सरयू के किनारे लक्ष्मण किला के मैदान पर चल रही फिल्मी कलाकारों की रामलीला धीरे-धीरे पूर्णता की ओर बढ़ रही है। मंचन के आठवें दिन कलाकारों की ओर से मेघनाथ और कुंभकरण वध तथा सुलोचना विलाप का मंचन किया गया। कलाकारों की टीम ने पार्श्व गायन और पार्श्व संवाद से मंचन को आगे बढ़ाने तथा पूर्णता प्रदान करने में सहयोग किया।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन विभाग के सहयोग से सुप्रीम फैसले के तहत जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमिपूजन के बाद फिल्मी कलाकारों की ओर से रामनगरी में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। 500 वर्ष पुराने विवाद में फैसला आने के बाद बदले हुए घटनाक्रम में दिल्ली के द्वारका में कई वर्षों से बॉलीवुड कलाकारों की रामलीला आयोजित करने वाली संस्था मां फाउंडेशन रामलीला समित राम नगरी अयोध्या में रामलीला का मंचन करवा रही है।मंचन के लिए तमाम बॉलीवुड और भोजपुरी सिनेमा के कलाकारों को चुना गया है शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन 17 अक्टूबर से शुरू होकर विजयदशमी 25 अक्टूबर अर्थात रविवार तक चलने वाली इस फिल्मी कलाकारों की रामलीला में शनिवार को आठवें दिन मेघनाथ व कुंभकरण वध और सुलोचना विलाप का मंचन हुआ। रोज की तरह शाम 7ः00 बजे फिल्मी कलाकारों की रामलीला गणेश वंदना के साथ शुरू हुई। विघ्न विनाशक गणेश की वंदना के बाद मंच पर रावण का दरबार नजर आता है। लंकाधिपति रावण अपने आसन पर विराजमान हैं इसी बीच दूत आता है और लक्ष्मण के जीवित होने का समाचार देता है। समाचार सुनकर रावण की भाव भंगिमा बदल जाती है और वह क्रोध से भर जाता है। तत्काल युद्ध के लिए कुंभकरण को बुलाने का फरमान जारी करता है। मंच का परिदृश्य बदलता है और कुंभकरण महल दिखाई देता है। महल में कुंभकरण सो रहा है। राक्षस राज रावण के भेजे विभिन्न वीर असुर कुंभकरण को जगाने की कोशिश कर रहे हैं।इसके लिए भिन्न-भिन्न प्रकार का जतन कर रहे हैं लेकिन उसकी तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही। अथक प्रयत्न के बाद कुंभकरण की तंद्रा टूटती है और वह अंगड़ाई लेता है तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। युद्ध में जाने का संदेशा कुंभकरण को दिया जाता है। तैयार होकर प्रतापी कुंभकरण युद्ध के लिए रवाना होता है। अगले दृश्य में दोनों तरफ की सेना आमने सामने हैं। कुंभकरण, रामा दल को युद्ध के लिए ललकारता है। राम और कुंभकरण के बीच युद्ध होता है और राम, कुंभकरण का वध कर देते हैं। रामा दल की सेना में खुशी की लहर दौड़ जाती है और जय श्री राम का उद्घोष होता है।
एक बार फिर मंच का दृश्य बदलता है और मंच पर रावण दरबार नजर आता है। रावण को युद्ध भूमि का समाचार बताया जाता है। इसके बाद रावण अपने वीर प्रतापी पुत्र मेघनाथ को रामा दल की सेना से युद्ध की आज्ञा देता है। मंच के परिदृश्य में थोड़ा सा बदलाव होता है। रामा दल में दैवीय शक्तियों को अपने साथ करने और उनका आशीर्वाद हासिल करने के लिए यज्ञ चल रहा है। इसी बीच मेघनाथ मौके पर पहुंचता है और यज्ञ का विध्वंस कर देता है। इसके बाद युद्ध शुरू हो जाता है,हलांकि युद्ध में वीरता से लड़ते हुए मेघनाथ वीरगति को प्राप्त होता है। समय के साथ मंचन का सोपान आगे बढ़ता हुआ अगले चरण में पहुंचता है। मंच का परिदृश्य बदला हुआ है। मंच पर सुलोचना का महल सजा हुआ है। पति मेघनाथ के वीरगति प्राप्त करने के समाचार से सुलोचना दुखी है और रोदन-विलाप कर रही है। अगले दृश्य में रावण का कक्ष नजर आता है और सुलोचना रावण से अपने पति की मौत के बारे में संवाद कर रही है। समापन की ओर बढ़ रहे फिल्मी कलाकारों की इस रामलीला में अगला दृश्य रामा दल का दिखाई देता है जहां सुलोचना पहुंचती है और अपने पति मेघनाथ का शीश हासिल करती है। शीश हासिल करने के बाद वह वापस महल के लिए रवाना हो जाती है।समापन आरती की धुन वातावरण में गूंजती है और आरती के बाद पर्दा गिर जाता है।
रावण का पुतला तैयार, आज होगा दहन
-सरयू किनारे चल रही फिल्मी कलाकारों की रामलीला रविवार को विजयदशमी पर समाप्त हो जाएगी। मंचन के तहत विभिन्न प्रसंगों के साथ रावण बध का भी प्रसंग दिखाया जाएगा। इसके लिए आयोजकों की ओर से विशालकाय रावण के पुतले का निर्माण कराया गया है। चर्चा थी कि फिल्मी कलाकारों की इस रामलीला की परंपरा के तहत कोई वीआईपी रावण दहन का गवाह बनेगा। परंपरागत रूप से दिल्ली में तो सत्तासीन प्रधानमंत्री शिरकत करते रहे हैं। आयोजकों की ओर से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर तमाम उच्च पदस्थ लोगों को आमंत्रण दिया गया था। चर्चा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंचन के अंतिम दिन शामिल होने की थी। हालांकि अभी तक जिला प्रशासन को कोई कार्यक्रम अथवा सूचना नहीं मिली है।