प्रधानमत्री को सम्बोधित ज्ञापन डीएम प्रतिनिधि को सौंपा
अयोध्या। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कल्याण ट्रस्ट से जुड़े भिक्खु सुनित रत्न के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट से मिला और उन्हें प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि रामजन्मभूमि परिसर के हो रहे समतलीकरण खुदाई में तथागत बुद्ध की प्रतिमा व मौर्य कालीन अवशेष मिले हैं ऐसी दशा में इस स्थल को पुरातात्विक स्मारक घोषित किया जाय। भिक्खु सुमित रत्न का कहना है कि अयोध्या में खुदाई के दौरान लगभग दो हजार साल पुरानी बौद्ध प्रतिमाएं शिलालेख, धम्म चक्र आदि अवशेष प्राप्त हो रहे हैं जो पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के हैं। उनका कहना है कि पुरातत्व महत्व के स्थलों के साथ छेड़छाड़ करना, उनकी रचना व बनावट में बदलाव करना ऐतिहासिक साक्ष्य को मिटाना है जो अक्षम्य अपराध है। भारत में अनेक बौद्ध स्थलों का रखरखाव व नियंत्रण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। ज्ञापन में कहा गया है कि रामजन्मभूमि परिसर के समतलीकरण व खुदार्द के दौराना तथागत बुद्ध की प्रतिमा व बौद्ध कालीन अवशेष मिलने से यहां की ऐतिहासिकता साबित होती है। मौजूदा समय में ट्रस्ट द्वारा अविधिक ढंग से समतलीकरण व खुदाई का कार्य कराया जा रहा है जो अवशेष अधिनियम 1958 व बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 1972 के अनुसार दण्डनीय अपराध है। हमारी मांग है कि ऐसे अवैधानिक समतलीकरण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोंका जाय और इसे आईएसआई की निगरानी में सौंपा जाय। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी है कि इतिहास वेत्ताओं , पुरातत्ववेत्ताओं व बौद्ध विद्वानों का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल गठित कर उत्खनन स्थल की निरीक्षण करा संसद को उपलब्ध कराये जाने का आदेश पारित किया जाय। ज्ञापन सौंपते समय ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीश कुमार बौद्ध, युवा भीम सामाजिक कल्याण संस्थान के अध्यक्ष देवेश कुमार पिंटू, आशीष कुमार मौर्य, राजेश बौद्ध, भानू, दीनानाथ, रामजी सोनी, मीरा रावत, आदि मौजूद रहे।