दिसम्बर 2023 तक तैयार होगा मंदिर का ग्राउंड फ्लोर
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शिलापूजन के दो साल बाद अब राम मंदिर की इमारत अपना स्वरूप लेने लगी है। मंदिर निर्माण के काम में लगे इंजीनियर्स और मजदूर लगातार रामलला के भव्य मंदिर को मूर्त रूप देने में जुटे हैं। मंदिर की नींव के बाद गर्भगृह का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है।
शुक्रवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मीडिया को निर्माण कार्य देखने के लिए परिसर में बुलाया और पत्रकारों से निर्माण कार्य पर जानकारी साझा की। बताया गया कि मंदिर का सुपर स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया नींव और चबूतरा पहले से बनकर तैयार हैं। मंदिर के गर्भगृह पर खंभे लगाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है। भक्तों को मंदिर के पूरे स्वरूप के दर्शन फरवरी 2024 तक हो सकेंगे। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा रंग महल बैरियर पर खुद मौजूद रहे। चंपत राय ने बताया कि इस समय मंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ और रिटेनिंग वॉल का निर्माण तेजी के साथ चल रहा है।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर अभेद्य होगा, लगभग 50 फीट मोटी नींव पर मंदिर का प्लिंथ निर्माण करीब पूरा हो चुका है। इस महीने के आखिर तक मैप के अनुसार मंदिर के लिए शिलाएं इकट्ठा करने का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, कि अयोध्या प्रशासन हनुमानगढ़ी चौराहा को पार करती सड़कों को लगभग दो गुना तक चौड़ा करने का ब्लूप्रिंट तैयार कर चुका है। प्रशासन रामजन्मभूमि, सरयू और कई अन्य प्रमुख स्थलों एवं मंदिरों से जुड़ते मार्गों को डेवलप कर रहा है। 2024 की मकर संक्रांति तक रामलला को भव्य मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है और हम सही दिशा में बढ़ते जा रहे हैं। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, तब से राम मंदिर का निर्माण दिन-रात चल रहा है। निर्माण कार्य एलएंडटी और टीसीएस मिलकर कर रहे हैं।