राम मंदिर निर्माण : 40 फीसदी काम पूरा

by Next Khabar Team
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-राम मंदिर की प्लिंथ का काम अन्तिम चरण में, ट्रस्ट ने जारी की तस्वीरें

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है। अब तक मंदिर निर्माण का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। राममंदिर की प्लिंथ का भी काम अंतिम चरण में है। शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को मंदिर निर्माण के चित्र सोशल मीडिया व ट्विटर हैंडल पर जारी करते हुए देश-दुनिया के भक्तों को राममंदिर की भव्यता से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि प्लिंथ निर्माण का काम अंतिम चरण में है। बहुत ही कम संख्या में पत्थर बिछाने को बाकी रह गए हैं। वहीं मंदिर के गर्भगृह में भी अब तक 250 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। रिटेनिंग वाल का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। बताया कि बहुत जल्द ही परकोटे के निर्माण का भी काम शुरू हो जाएगा। राममंदिर न सिर्फ भव्यता बल्कि तकनीक के मामले में चुनिंदा मंदिरों में होगा।

गर्भगृह में लगाई जा रही है चंडीगढ़ की खास ईंट

-राम मंदिर की मजबूती के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ग्रह के निर्माण में पत्थर के मैटेरियल से बनने वाली स्पेशल ईंट इस्तेमाल कर रही है। इस ईंट की खासियत ये है कि मजबूत तो है ही साथ ही इसमें जो केमिकल मिलाकर बनाया जा रहा है उससे ईंट की तपिश भी कम रहेगी यानी मंदिर का गर्भ गृह ठंडा रहेगा। ये खास तरह की ईंटें चंडीगढ़ से मंगवाई जा रही है जिन्हें विशेष ऑर्डर पर तैयार किया गया है। मंदिर की दीवारों के बीच-बीच में भी इन ईंटों का इस्तेमाल किया जाएगा। राम मंदिर का निर्माण कार्य बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से किया गया है। बंसी पहाड़पुर के पत्थरों की खासियत ये है कि ये धूप की तपिश के बावजूद ठंडे रहते हैं और इस लिहाज से मंदिर का अंदरुनी हिस्सा भी ठंडा रहेगा।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण को 2023 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है। लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर के मुताबिक चंडीगढ़ से उच्च गुणवत्ता वाली ईंटें मंगवाई जा रही हैं जिनमें तीन होल है। यह ईंटें मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवार के बीच में लगाई जाएगी। इससे मंदिर के भीतर गर्मी का एहसास कम होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस सीक्वेंस में ईंटों में छेद किया गया है जिससे मंदिर की मजबूती को और बल मिले। इसे एलमुनियम की पत्ती से जोड़ा जाएगा जिससे इसकी पकड़ मजबूत बनी रहेगी।

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