विक्रमादित्य की परिकल्पना के अनुरूप अयोध्या में बने राम मंदिर : मानव

by Next Khabar Team
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राम वंशज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में नामित हो स्थायी सदस्य

अयोध्या। राजा विक्रमादित्य की परिकल्पना के अनुरूप अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण कराया जाय साथ ही मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र में एक स्थायी सदस्य प्रभु श्री राम के वंश का नामित किया जाए यह मांग समाजसेवी राजेश सिंह मानव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है प्रधानमंत्री को भेजे मांग-पत्र में कहा गया है कि राजा विक्रमादित्य ने ईशा की शताब्दी के एक सतत पूर्व अपनी दिव्य दृष्टि से अयोध्या के लुप्त स्थलों का दर्शन कर उसे बताया और प्राचीन इतिहास को संज्ञान में ले गगनचुंबी राम मंदिर का निर्माण कराया था जिसमें कसौटी पत्थर के 84 खंभे लगवाए गए थे राम मंदिर को तमाम आक्रांताओं ने ध्वस्त किए व राम भक्त राजाओं ने अनेक बार पुनर्निर्माण करवाया वर्तमान समय में पुनः राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया है मांग पत्र में कहा गया है अयोध्या में राजा विक्रमादित्य ने जिस राम मंदिर का निर्माण कराया था वह अयोध्या वास्तु शिल्प का था ऐसे में सरकार व ट्रस्ट से हमारी मांग है कि पुरातत्ववेत्ताओं के उत्खनन शोध के आधार पर पुरावेत्ताओं से राम मंदिर मॉडल बनवाकर उस आधार पर अयोध्या में राम मंदिर बनवाया जाय जिससे भक्त मंदिर के प्राचीन स्वरूप का दर्शन कर पूजन अर्चन कर सकें राजा विक्रमादित्य ने जो राम मंदिर बनवाया था उसका भव्य प्रसाद था व सर्वोच्च शिखर पर 7 कलश थे व 600 एकड़ का विस्तृत मैदान था राम जन्मभूमि का रक्त रंजित इतिहास की पुस्तक मैं लिखा है कि राम मंदिर का सर्वोच्च शिखर इतना ऊंचा था कि आज के आज के लगभग 42 किलोमीटर दूर से लोगों को दिखाई पड़ता था मंदिर की ऊंचाई में इस ऐतिहासिक तथ्य को ध्यान में रखा जाना जरूरी है समाजसेवी राजेश सिंह मानव ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि ग्रंथ शतपथ ब्राह्मण आदि में वर्णित है कि यज्ञ करने का अधिकार उसी कुलीन क्षत्रिय को है जो मूर्धाभिषक्त राजा हो ब्राह्मण व वैश्य को इसका अधिकार नहीं है इस धार्मिक विधान को अंगीकार करते हुए कुलीन व्यक्ति की उपस्थिति में वैदिक विधान के अनुरूप श्री राम मंदिर निर्माण के मध्य भूमिपूजन यज्ञ आदि धार्मिक अनुष्ठान श्री राम जन्मभूमि परिसर में कराने की व्यवस्था कराई जाए यह भी मांग की गई की भारतीय संसद में कानून बनाया जाए कि भारत में श्रीराम मंदिर से ऊंचा कोई अन्य धर्म स्थल व भवन का निर्माण न हो जिससे प्रभु राम का अयोध्या में बना गगनचुंबी मंदिर देश में बने अन्य भवनों से ऊंचा हो

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