सरयू के घाटों समेत मठ मंदिरों तथा मुख्य मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा।

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में शिव की आराधना के माह सावन के पहले सोमवार पर सरयू के घाट सूने रहे। मठ मंदिरों पर कोरोना काल जैसे रोज के हालात दिखे। अलबत्ता पौराणिक नागेश्वरनाथ पर जलाभिषेक के लिए भक्त पहुंचे और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जलाभिषेक किया। राम नगरी के एंट्री से लेकर सरयू के घाटों समेत मठ मंदिरों तथा मुख्य मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा।
वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके नोबेल कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने राम नगरी अयोध्या की सीमा सील कर रखी है। सरयू के स्नान घाटों पर सामूहिक स्नान की रोक है और मठ मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए भी तमाम पाबंदियां लगाई गई हैं। पाबंदियों का सीधा असर सावन माह के पहले सोमवार पर दिखा। राम नगरी की सड़कें सुनी दिखी और शिव भक्तों का हर हर बम बम का उद्घोष नहीं सुनाई पड़ा। भक्तों और श्रद्धालुओं को एंट्री प्वाइंट से ही राम नगरी में प्रवेश से रोका गया। सरयू के घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा था और किसी को घाट की ओर नहीं जाने दिया गया। जिसके चलते सरयू के घाट पूरी तरह सूने दिखे। घाट पर पंडों के तख्त तो थे लेकिन घाट से पंडे और पुजारी नदारद थे। शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए उमड़ने वाली भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन ने नागेश्वरनाथ मन्दिर के आस पास के सभी बैरियर गिरा रखे थे।हालांकि सावन का पहला सोमवार होने के चलते जलाभिषेक के लिए राम नगरी के पौराणिक नागेश्वर नाथ मंदिर और ऐतिहासिक क्षीरेश्वर नाथ मंदिर पर भक्त पहुंचे। जिसके चलते इन शिवालयों पर थोड़ी चहल-पहल दिखी। पुलिस प्रशासन की कड़ी चौकसी के बीच कोरोना को लेकर लागू दिशा निर्देशों के अनुपालन के बीच लोगों ने जलाभिषेक किया। क्षेत्राधिकारी अयोध्या अमर सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से जारी पाबंदियों और दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है। मठ मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सीमित तादाद में लोगों को दर्शन पूजन कराया जा रहा है।