घरों में दुबकने के लिए मजबूर हुए लोग
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अयोध्या। धीरे-धीरे हो रही बरसात से पारा और लुढ़क गया है बारिश और ठंड के चलते दिनभर सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा तो दफ्तरों में भी छुट्टी जैसा माहौल रहा। जो कर्मी दफ्तर आए भी वह दांत किटकिटाते नजर आए।
यूं कहें कि बारिश व सर्द हवाओं से बढ़ी ठंड ने सारा कामकाज ठप कर दिया। पखवारे भर से हाड़ कपाऊ ठंड का कहर जारी है। भगवान भास्कर भी बादलों की गोद में छिपे हुए हैं। इससे मौसम का पारा लगातार लुढ़कता जा रहा है। बुधवार की सुबह खराब हुए मौसम ने तो लोगों को गर्म कपड़ों के भीतर भी कांपने को मजबूर कर दिया। लगभग 9 बजे से शुरू हुई बारिश ने देर शाम तक रुकने का नाम नहीं लिया। इससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त रहा। बढ़ी ठंड से लोग घरों के भीतर दुबके रहे तो सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। इतना ही विद्यालय तो खुले रहे पर वहां भी छुट्टी जैसा माहौल रहा। जो छात्र छात्राएं अध्यापक मौजूद थे वह ठंड के चलते दांत किटकिटाते नजर आए और कार्यालय बंद करने के लिए समय पूरा होने का इंतजार करते रहे। यूं कहें कि बारिश ने जनमानस को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। किसानों का कहना है कि गेहूं की जिन फसलों की सिंचाई हो चुकी है वह खराब मौसम के चलते पीली पड़ती जा रही हैं।
उनमें समय से खाद भी नहीं पड़ पा रही है। इसी तरह जिन किसानों की आलू की फसल तैयार है वह भी बारिश से बर्बाद हो रही हैं। इसके अलावा चना, मटर अरहर की जो फसलें फूल ले चुकी हैं उन्हें भी भारी नुकसान हो रहा है।