दर-दर भटक रही रानी को मिला आश्रय
अयोध्या। दर-बदर भटक रही रानी निर्मला की जिन्दगी में समाजसेविका शोभा गुप्ता उजास बनकर आयीं। गुलाबबाड़ी उद्यान मे धूप सेंक रही रानी निर्मला पर शोभा गुप्ता की निगाह उस समय पड़ी जब कुछ शोहदे उसके चारो ओर खड़े होकर यह कह रहे थे किनारे चलो रानी तुम्हे महारानी बना देंगे। शोहदों से घिरी रानी को निजात दिलाने के लिए समाजसेविका का कदम उसकी ओर बढ़ा और वह उसके पास जाकर बैठ गयीं तथा उसकी अनकही कहानी सुनने लगीं। समाज सेविका शोभा गुप्ता बताती हैं कि रानी ने उसे बताया कि अक्सर मनचले लोग उसे घेर लेते हैं और कहते हैं कि रानी चल हमारे साथ चल, कोने में चल, तुझको महारानी बनाते हैं।
बेसहारा होने के कारण वह शोहदों की फब्तियों का जबाब भी नहीं दे पाती। उसने बताया कि उसके भाई और भाभी हैं तथा कालोनी में रहते हैं तथा चाय बेंचने का काम करते हैं। एकबार उसके भाई ने एक बूढ़े से उसकी शादी करानी चाही तो उसने इसका विरोध किया, भाई और भाभी ने उसे घर से निकाल दिया तबसे वह इधर-उधर मारी-मारी फिर रही है।
शोभा ने जब उससे कहा कि शोभाक्षर संस्थान है हमारा चलो वहां रहो तुम्हे सुरक्षा और भोजन आदि की व्यवस्था होगी। तो रानी बोली कैसे विश्वास करें पहले भी दो महिलाओं ने झांसा देकर उसको अपने साथ ले गयीं और जो उसके साथ हुआ उसको वह बता नहीं सकती। फिलहाल 40 मिनट के वार्तालाप के बाद रानी को यकीन हो गया कि यह और औरतों की तरह नहीं हैं और वह साथ चलने को तैयार हुई।
मौजूदा समय में रानी निर्मला समाज सेविका शोभा गुप्ता के घर में उसी के साथ रह रही है। रानी की स्थिति जानने के बाद तमाम समाजसेवी पुरूष और महिलाएं सामने आये और उन्होंने रानी निर्मला को रजाई, गुद्दा, स्वेटर व अन्य वस्त्र आदि देकर भीषण सर्दी में बचाव के लिए मदद किया। शोभा गुप्ता बताती हैं कि मैने लोगों से अपील किया है कि सभ्य परिवार रानी को अपने यहां घरेलू नौकरानी के रूप में रख ले यदि कोई सहारा देने को तैयार हो जाता है तो रानी को भी अभिषप्त जिंदगी से निजात मिल जायेगी।
—(रामतीर्थ विकल)