-लोक लज़्ज़ा व संकोच, मनोसलाह के अवरोध, चिंता घबराहट है मेन्टल स्ट्रेस की आहट
अयोध्या। विश्व मनोजागरूकता सप्ताह कार्यक्रम के तहत चिरंजीव हॉस्पिटल एवं नर्सिंग इंस्टीट्यूट में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ आलोक मनदर्शन व मिशन शक्ति फेज 5 प्रमुख नगर कोतवाल अश्वनी पांडेय ने छात्राओं को अपराध सतर्कता व आपराधिक मनोवृति के बारे में जागरूक किया । डा. मनदर्शन ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि लगभग 90 फीसदी मनोतनाव जनित समस्याओ का अज्ञानता व संकोच के कारण मनोविशेषज्ञ से सलाह न ले पाने की वजह से सटीक इलाज़ नही हो पाता है।
बढ़ता मनोसन्ताप युवाओं में तेजी से बढ़ रहे मनोशारीरिक बीमारियों या साइकोसोमैटिक डिसऑर्डर का कारण भी बनता जा रहा है।इनके लक्षण तो शारीरिक होते हैं, पर उसका मूल कारण मेन्टल स्ट्रेस या मनोतनाव होता है।पाचन क्रिया से लेकर हृदय की धड़कन तक शरीर की हर एक कार्यप्रणाली इससे दुष्प्रभावित होती है। मेन्टल स्ट्रेस से कार्टिसाल व एड्रेनिल हॉर्मोन बढ़ जाता है जिससे चिंता, घबराहट, एडिक्टिव इटिंग,आलस्य, मोटापा , अनिद्रा व नशे की घातक स्थिति पैदा हो सकती है।
उन्होंने बताया कि मन के प्रत्येक भाव पीड़ा, तनाव, सुख, आनन्द, भय,क्रोध, चिंता, द्वन्द व कुंठा आदि का सीधा प्रभाव शरीर पर पड़ता है ।चिंता व घबराहट यदि एक हफ्ते से ज्यादा महसूस होने पर मनोपरामर्श अवश्य लें। स्वस्थ, मनोरंजक व रचनात्मक गतिविधियों तथा फल व सब्जियों का सेवन को बढ़ावा देते हुए योग व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल कर आठ घन्टे की गहरी नींद अवश्य लें। इस जीवन शैली से मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन का संचार होगा ।कार्यशाला में प्रतिभागियों के संशय व सवालों का समाधान भी किया गया जिसमें चेयरमैन डॉ उमेश चौधरी, निर्देशिका डॉ जयंती चौधरी, रवि मणि चौधरी , के.पी. मिश्र, प्रधानाचार्य डॉ विशाल अलवर्ट, रिंकी शुक्ला, प्रियम्वदा, गायत्री, वंदना, अंकिता, सुचिता , अंजली, अनुराधा,प्रीति, शिवम पाण्डेय, सहित अन्य सभी नर्सिंग स्टूडेंट मौजूद रहे ।