नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन
अयोध्या। भाकपा (माले) असम के डिटेंशन कैंपों में हुई मौतों के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाते हुए राष्ट्रपति को संबोधित नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से सौपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि असम के डिटेंशन कैंपों में अब तक 27 लोगों की मौतें हो चुकी है। सैकड़ों लोग इन कैम्पों में बिना किसी अधिकार व सुविधाओं के सड़ रहे हैं। सरकार पूरे देश में और भी डिटेंशन कैंप बनवाने में व्यस्त है। डिटेंशन कैंप और कुछ नहीं हिटलर की जर्मनी के बदनाम कंसंट्रेसन कैंपों का भारतीय संस्करण है। हम मानवाधिकारों और लोकतंत्र के इन कत्लगाहों को पूरी तरह बंद करने की मांग करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देशभर में एनआरसी लागू करने के नाम पर आमादा है, जिसमें हर किसी को कागजात के जरिये साबित करना होगा कि 1951 में उनके पूर्वज भारत में वोटर थे। गरीब तो बीपीएल सूची, वोटर लिस्ट, आधार से भी बाहर रह जाते हैं, वे 1951 के उनके पूर्वजों के कागजात कहां से लाएंगे? अगर न ला पाए तो उन्हें डिटेंशन कैंप में डाला जाएगा।
ऐसी स्थिति में देश के नागरिकों पर खतरा है कि उन्हें या तो डिटेंशन कैम्पों में डालकर प्रताड़ित किया जाएगा या नागरिक के बजाय शरणार्थी बना दिया जाएगा। हम मांग करते हैं कि डिटेंशन कैंप यातना शिविर है इन्हें बंद किया जाए, भारत में एनआरसी योजना को वापस लिया जाए तथा नागरिक संशोधन बिल वापस लिया जाए।
इस अवसर पर भाकपा (माले) राज्य कमेटी कॉमरेड राम भरोस, जिला प्रभारी अतीक अहमद, किसान नेता उमाकान्त विश्वकर्मा, ऐपवा की नेता सुनीता गौड़, राजेश वर्मा, त्ल्। नेता राम सिंह, पप्पू सोनकर, दिलीप गुप्ता, असगर अली आदि नेता उपस्थित रहे ।