अयोध्या । केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को जिले के विभिन्न श्रमिक व किसान संगठनों ने मजदूर विरोधी चार श्रम कोड को वापस लेने एवं सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय तहसील सदर पर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्बोधित 17 सूत्रीय मांग पत्र तहसीलदार सदर को सौंपा।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एटक, सीटू, ऐक्टू एवं संयुक्त किसान मोर्चा आदि संगठनों के नेताओं ने किया। इस अवसर पर नेताओं ने कहा कि मोदी शासन के ग्यारह वर्षों में मेहनतकश लोगों की दुर्दशा चरम पर पहुंच गई है। बेरोज़गारी, बदहाली और असमानता आसमान छू रही है। मजदूरी में भारी गिरावट आ गई है। अधिकार और सामाजिक सुरक्षा तहस नहस हो गये हैं।
आठ घण्टे काम की जगह 12-12 घण्टे काम करने के लिए विवश किया जा रहा है। मांग पत्र के माध्यम से कहा गया कि व्यापार करने में आसानी के नाम पर कारपोरेट जगत को देश की सम्पत्ति और संसाधनों को लूटने की खुली छूट दी जा रही है। नेताओं ने कहा कि मोदी शासन के तीसरे कार्यकाल में लोगों के जीवन और आजीविका पर हमले तेज हो गये हैं और कारपोरेट गुलामी की नीतियों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। संविधान और अधिकारों से लेकर कल्याणकारी राज्य, सार्वजनिक सरकारी क्षेत्र और सुरक्षित/ पक्की नौकरियों तक सब खत्म किए जा रहे हैं। आगे कहा गया कि चार श्रम कोड लाने के बाद मोदी सरकार अब इन्हें लागू करने की जोर शोर से तैयारी कर रही है।
जिसके लागू होने से मजदूर वर्ग कारपोरेट/ मालिक वर्ग का गुलाम बन जाएगा। ये कोड काम के घण्टे, न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा आदि सभी अधिकार छीन लेंगे। काम पर रखकर मनमर्जी से निकालना कानून बन जाएगा। यूनियन बनाने, मान्यता, सामूहिक सौदेबाजी और हड़ताल के अधिकार सहित विरोध की सभी तरह की सामूहिक अभिव्यक्ति के अधिकार को खत्म कर दिया जाएगा। कार्यक्रम के माध्यम से आगामी नौ जुलाई को होने वाले आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए अभी से तैयारी के लिए जुट जाने का आह्वान भी किया गया।
विरोध प्रदर्शन में एटक के प्रदेशीय नेता शैलेन्द्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश किसान सभा के राज्य सचिव अशोक कुमार तिवारी, माकपा जिला सचिव अशोक यादव, भाकपा (माले) जिला प्रभारी अतीक अहमद, संयुक्त किसान मोर्चा के जिला संयोजक मया राम वर्मा, भाकियू नेता कमला प्रसाद बागी, किसान सभा के जिला सचिव मयाराम वर्मा, संयुक्त सचिव विनोद सिंह, एटक नेता अनिरुद्ध प्रताप मौर्य, मजदूर नेता राम पाल, राम कृपाल जायसवाल, ओमप्रकाश यादव, अयोध्या प्रसाद तिवारी, रामजी राम यादव, यासीन बेग, शिवराम, शीला, आशीष पटेल, कृष्ण कुमार मौर्या, विष्णुदेव वर्मा, अजय कुमार वर्मा, विद्या यादव, मुजीब अहमद, दुर्गेश उपाध्याय, राम लोचन, नीरज मिश्रा, आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।