प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिये मांग था 10 हजार रूपये
बीकापुर। विकास खण्ड बीकापुर की ग्राम पंचायत दशरथपुर में ग्राम प्रधान रामअभिलाख पाल के लडके अनिल कुमार के द्वारा अपात्र ग्रामवासी मेघनाथ पुत्र नन्दकिशोर को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिये 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगने के आरोप में जिलाधिकारी अनुज कुमार झां के निर्देश पर खण्ड विकास अधिकारी बीकापुर अमित कुमार त्रिपाठी ने बीकापुर कोतवाली में प्रधान पुत्र अनिल कुमार के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगने ठगी करने तथा विकास खण्ड के अधिकारियों/कर्मचारियोें को बदनाम करने के कुतशित प्रयास के आरोप मंे एफआईआर दर्ज करने की तहरीर दे दी गई है। पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही में जुटी हुई है। पीएम आवास योजना में रिश्वत मांगने का आरोप मेघनाथ ने प्रधान पुत्र अनिल कुमार के द्वारा किये गये टेलीफोन रिकार्डिंग के आधार पर आधारित है। इस रिकार्डिंग को शिकायतकर्ता मेघनाथ ने डीएम फैजाबाद को सुनाते हुए शिकायत की थी। जिसकी सीडी भी तहरीर के साथ कोतवाली पुलिस सौंपी गई है। शिकायतकर्ता मेघनाथ ने जिलाधिकारी से शिकायत करतेे हुए यह आरोप लगाया था कि रिश्वत न देने से उसका नाम पीएम आवास योजना की पात्रता सूची से काट दिया गया बाद में प्रधान पुत्र अनिल कुमार ने 10 हजार रूपये की रिश्वत देने पर पात्रता सूची में नाम जोड देने का भरोसा दिलाया गया था। खण्ड विकास अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज करने की पुलिस में तहरीर देने के साथ साथ जिलाधिकारी के निर्देश पर इस प्रकरण की गहन जांच के लिये एडीओ (पंचायत) एडीओ कोआपरेटिब तथा एडीओ आईएसबी सहित तीन अधिकारियों की संयुक्त जांच टीम से जांच करायी जा रही है। सूत्रो के मुताबिक मेघनाथ पुत्र नन्द किशोर की पात्रता/आपात्रता के सन्दर्भ में पहलेे भी जांच करायी जा चुकी थी। जिसमें मेघनाथ के पास पक्का मकान मोटरसाइकिले होने तथा गांव वालो के बयानात के आधार पर उसे आपात्र पाकर आवास सूची से उसका नाम निरस्त कर दिया गया था। जिस पर मेघनाथ ने टेलीफोनिक रिकार्डिंग को जिलाधिकारी के सामने सुनाकर अपने को गरीब और 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगने का आरोप प्रधान पुत्र पर लगाकर शिकायत किया कि 10 हजार की मांग पूरा न होने पर उसे आपात्र घोषित कर दिया गया। प्रधान पुत्र के खिलाफ लगे आरोपो की जांच अब पुलिस के पाले में है तथा मेघनाथ की आवास योजना की पात्रता की जांच तीन सदस्यीय टीम कर रही है। अब देखना है कि पुलिस और विकास खण्ड की जांचो से कौन सी असलियत खुलकर सामने आती है।
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