1015 से अधिक महिलाओं ने प्रसव पूर्व करवाई जाँच
अयोध्या। मंगलवार को जिला महिला अस्पताल समेत समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया द्य इस दौरान चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँचें जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, वजन, ब्लडप्रेशर, अल्ट्रासाउंड एवं अन्य जांच एवं मुफ़्त निःशुल्क उपचार की सेवाएँ प्रदान की गईं गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय राजा ने बताया कि प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के आयोजन सत्र पर गर्भवती एवं धात्री महिला को कोविड टीकाकरण सत्र पर जाकर टीकाकरण हेतु भी प्रेरित किया गया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- पी0एम0एस0एम0ए0 के अन्तर्गत समस्त गर्भवती महिलाओं की द्वितीय/तृतीय तिमाही में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम एक बार विशेषज्ञ अथवा एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक की देख-रेख में गर्भवस्था में गुणवत्तापरक प्रसव पूर्व जाँचें की जाती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सक्सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत आज जनपद में 1015 से अधिक महिलाओं ने प्रसव पूर्व जाँच करवाई द्यइसके लिए जिला महिला अस्पताल समेत समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया।
इस मौके पर महिला रोग विशेषज्ञों की देख रेख में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सम्पूर्ण जांच कर उनका टीकाकरण किया गया।विटामिन, आयरन-फोलिक एसिड व कैल्शियम की दवाएं वितरित कर महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव उपरान्त संतुलित और पौष्टिक आहार लेने, साफ-सफाई रखने, समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने और प्रसव संस्थागत कराने के लिए प्रेरित किया गया। जिला कार्यक्रम प्रबंधक राम प्रकाश पटेल ने बताया कि आयोजित सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के अवसर पर 10 सरकारी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और 4 निजी महिला चिकित्सकों के द्वारा गर्भवती की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की गई। इस दौरान 135 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, 1015 की हीमोग्लोबिन की जांच , ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप, ब्लड-शुगर, वजन की जांच, 759 महिलाओं की एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी व पेट की जाँच की गयी द्य इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका लगाया गया तथा आयरन-फोलिक एसिड, कैल्शियम और अन्य आवश्यक दवाएं दी गयीं द्य जाँच के दौरान गंभीर रक्ताल्पता पाई गयी एवं उन महिलाओं को आयरन-शुक्रोज लगाया गया तथा उन्हें दवा के नियमित सेवन के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी। डीसीपीएम् अमित कुमार ने बताया कि किसी गर्भवती महिला में यदि 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होता है, तो उसको सीवियर एनीमिया की स्थिति में रखा जाता है।
उन्होंने ने कहा कि गर्भावस्था के समय महिलाओं को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच करानी चाहिए और नियमित चिकित्सीय सलाह लेते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियों, अंकुरित चना एवं दाल, गुड़ आदि का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी होता है द्य महिला रोग विशेषज्ञ / एमबीबीएस निजी चिकित्सको के द्वारा अर्बन पीएचसी के स्वास्थ्य केन्द्रों में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में केन्रोंद् पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँचें कर की सभी जाँच कर चिकित्सीय परामर्श दिया गया।