-शिक्षा समिति व विभागीय अधिकारी बेखबर
मिल्कीपुर। शिक्षा क्षेत्र अमानीगंज के प्राथमिक विद्यालय कौराह में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूल की बाउंड्री के अंदर बच्चों के खेलने या किचन गार्डन के लिए आरक्षित स्थान है वहीं पर धान की नर्सरी डाली गई है। यह स्थिति न केवल स्कूल के उद्देश्य के खिलाफ है, बल्कि बच्चों के शारीरिक और शैक्षिक विकास के लिए भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।
इस मामले ने स्थानीय समुदाय के बीच चर्चा का विषय बन गया है, जो स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।प्राथमिक विद्यालय कौराह में स्कूल परिसर के अंदर, जहां बच्चों के लिए खेल का मैदान या किचन गार्डन होना चाहिए, वहां धान की नर्सरी देखी गई। स्कूल परिसर का यह हिस्सा बच्चों की शारीरिक गतिविधियों, खेलकूद और पोषण के लिए किचन गार्डन जैसी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, जैसा कि शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों में उल्लेखित है। लेकिन धान की नर्सरी की मौजूदगी ने स्कूल के संसाधनों के दुरुपयोग और प्रबंधन में लापरवाही की ओर इशारा किया है। स्कूल परिसर का उपयोग इस तरह से करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह बच्चों के अधिकारों का भी हनन है।
जब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अमानीगंज, राजेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने इस घटना पर आश्चर्य जताया और कहा, स्कूल परिसर में धान की नर्सरी डालना पूरी तरह से अनुचित है। स्कूल का परिसर बच्चों की शिक्षा और उनकी गतिविधियों के लिए होता है, न कि कृषि कार्यों के लिए। हमें इस मामले की जानकारी नहीं थी। हम इसकी जांच करेंगे ।
स्कूल परिसर में धान की नर्सरी डालने का यह मामला कई सवाल खड़े करता है। पहला, क्या स्कूल प्रशासन की अनुमति के बिना यह कार्य किया गया, या इसमें स्कूल स्टाफ की मिलीभगत थी। दूसरा क्या यह कार्य किसी निजी लाभ के लिए किया गया। तीसरा बच्चों के खेलने और किचन गार्डन के लिए आरक्षित स्थान का इस तरह उपयोग करना शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन नही है?
शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूल परिसर का उपयोग केवल शैक्षिक और बच्चों की भलाई से जुड़ी गतिविधियों के लिए किया जाना चाहिए। धान की नर्सरी जैसे कार्य न केवल इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण को भी प्रभावित करते हैं। बल्कि साफ सफाई पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।