अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर हुआ व्याख्यान
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवम्बर, 2018 ) की पूर्व संध्या पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान को संबोधित करते हुए डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में भारतीय प्रेस परिषद् की स्थापना के बाद स्वस्थ्य व स्वतन्त्र प्रेस के लिए संवैधानिक उपबंध किये गये। इसी के तहत 16 नवम्बर, 1966 से परिषद् ने विधिवत कार्य करना शुरू किया। वर्ष 1997 से 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
विभाग के शिक्षक डाॅ0 राजेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रथम प्रेस आयोग ने प्रेस की स्वतन्त्रता एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी तभी से राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में आज का दिन हमें प्रेस की स्वतन्त्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। विश्व में आज लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है। डाॅ0 राज नारायण पाण्डेय ने कहा कि वतर्मान समय की पत्रकारिता एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पत्रकारिता सृजन की वह विधा है जिससे समाज को उचित मार्गदर्शन मिलता है। डाॅ0 अनिल कुमार विश्वा ने कहा कि स्वतन्त्रता आंदोलन में पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है। मूलतः पत्रकारिता समाज के सभी वर्गों को जागरूक एवं शिक्षित करने के उद्देश्य से प्रारम्भ हुई। विभाग की छात्रा शोभा गुप्ता ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की महत्ता प्रकाश डाला। अम्बरीश दूबे ने पत्रकारों के मूलकर्तव्यों पर अपने विचार रखे। व्याख्यान को सौरभ सिंह, साक्षी श्रीवास्तव, राजेश कुमार यादव, भानू चन्द्रवंशी ने भी राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मोनिका सिंह नाहर, हिमांशी, वर्षा शुक्ला, राधा गोस्वामी, वैभव तिवारी, मोहित गहलौत, सूर्यकांत त्रिपाठी, राकेश वर्मा, संजय शुक्ला, रजनीश पाण्डेय, राजेन्द्र कुमार, कमल शर्मा, शिवाकर गिरि, आशीष त्रिपाठी सहित अन्य छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।
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