अयोध्या। जगद्गुरु गुरुनानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 550वें प्रकाश पर्व की आभा सम्पूर्ण अयोध्या महोत्सव के परिसर में बिखरी दिखाई। सिख समाज के बच्चों द्वारा किये गये गुरुवाणी के वाचन ने पूरे परिवेश में आस्था का संचार कर दिया। कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा किया गया था। स्कूली बच्चों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने लोगो को सेवा भाव अपनाकर पूरी इमानदारी से गुरुओं के बताये रास्ते पर चलने की शिक्षा दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीरामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा कि अयोध्या के कण कण में आध्यात्म व शिक्षा व्याप्त है। सिख समाज हिन्दूओं की रीढ़ है। प्रकाश पर्व पर हमें सद्मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। महोत्सव के मुख्य संयोजक व विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि यह पर्व हमें सेवा भाव जैसे भूखे को भोजन कराना व परिश्रम के साथ ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने का संदेश देता है। सिखों में सेवा भाव की भावना को काफी प्रमुखता प्रदान की गयी है। गुरुनानक देव जी द्वारा प्रशस्त किये गये मार्ग को आत्मसात करते हुए हमें इसे अपने आचरण में शामिल करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ज्ञानी महेन्द्र सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी के संदेश हमें जीवन जीने का सहीं रास्ता दिखाते है। उनके आदर्शो को अपनाकर हम अपना जीवन सार्थक कर सकते है। महोत्सव के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि अयोध्या की धरती से पूरे विश्व में आदर्श व समरसता का संदेश गया है। देश के लिए सिख समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत नृत्यगोपालदास व ज्ञानी महेन्द्र सिंह का महोत्सव के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इस अवसर पर समन्वयक मल्कीत सिंह, राष्ट्रीय सिख संगत के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह, पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष इकबाल सिह, गुरुबचन सिंह गिल, इन्द्रजीत सिंह, यशवीर सिंह, तेजेन्दर पाल सिंह टिंकल, सुरेन्दर सिंह, जशवीर सिंह, भगवंत सिंह, दिलदार सिंह, जसवीर सिंह, मनमीत सिंह मौजूद रहे।
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