अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खां की 119वीं जयंती हुई विचार गोष्ठी
अयोध्या। अशफ़ाक़ उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पान्डेय ने कहा कि सत्ता क्रांतिकारी शहीदों के विचारों से डरती है।इसी भय से सरकार नौकरशाही का प्रयोग करके उनके विचारों के प्रचार को रोकने के हथकंडे अपनाती है। जेल अधीक्षक द्वारा अमर शहीद जयंती समारोह पर पाबंदी इन्हीं हरकतों में आता है। उन्होंने कहा कि कोई सत्ता प्रतिष्ठान संस्थान द्वारा गत बीस वर्षों से चलाए जा रहे अभियान को नहीं रोक सकता है।
संस्थान द्वारा सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खां की 119 वी जयंती समारोह में बोलते हुए उन्होंने यह विचार व्यक्त किया। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी आई पी सिंह तथा संचालन विशाल तिवारी ने किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक जयशंकर पाण्डेय ने कहा कि शहीदों का लोगों के दिलों पर राज है। उस सम्मान को कोई हिला नही सकता। उन्होंने जेल अधीक्षक की निंदा करते हुए एलान किया कि जेल प्रशासन के खिलाफ प्रदेश के राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन दिया जाएगा।
समारोह का प्रारंभ शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण और संस्थान के गीत से किया गया। गोष्ठी में वक्ताओं ने जेल अधीक्षक की निंदा करते हुए शहीद अशफ़ाक़ के जीवन पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि क्रांतिकारी आन्दोलन का मकसद समाज से गैर बराबरी मिटाकर समता, सम्पन्नता कायम करना था। जिसे कायम करने में सरकारें नाकाम रही है। इस कारण क्रांतिकारी विचारों की प्रसंगिकता बढ़ गई है। गोष्ठी में शायर जमशेद फैजाबादी, मसमूम फैजाबादी ने अपनी रचनाओं से शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया।
गोष्ठी को संस्थान के अध्यक्ष सलाम जाफरी, जगमोहन सिंह, अब्दुल रहमान भोलू, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, शीतला पाठक, करन त्रिपाठी, रामतीर्थ पाठक, अशोक तिवारी, सत्य भान सिंह, अखिलेश चतुर्वेदी, अवनीश पाण्डेय, मुशीर खां राजू, राजेन्द्र प्रसाद यादव, विकास सोनकर, विनीत कनौजिया, देवेश ध्यानी, विक्रम निषाद, उजैर खान, अंकित पाण्डेय, अभिषेक मिश्रा, राघवेंद्र पाण्डेय भूप, शिवम् विश्वकर्मा, आदि ने संबोधित किया।