-अयोध्या के सरकारी स्कूल में हुई बाल रामलीला कार्यशाला
अयोध्या। पी. एम. श्री कम्पोजिट विद्यालय, मुमताजनगर, मसौधा के विद्यार्थियों ने सोमवार को सुंदरकांड का मंचन किया, उनकी प्रतिभा देखकर भारी संख्या में उपस्थित दर्शकों ने मुक्तकंठ से सराहना की।
भव्य आयोजन में निदेशक अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक संतोष कुमार शर्मा ने बच्चों को प्रमाणपत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य देश के भविष्य को और उज्जवल बनाने के लिए उनमें रामलीला, उनके चरित्रों के माध्यम से संस्कार और अपनी संस्कृति के प्रति जागरुक करना है।
अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या एवं पी. एम. श्री कम्पोजिट विद्यालय, मुमताजनगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15 दिवसीय बाल रामलीला कार्यशाला समापन के अवसर विद्यालय प्रांगण में प्रशिक्षण प्राप्त किये छात्र/छात्रों द्वारा ‘सुन्दरकाण्ड’ का सजीव मंचन किया गया। प्रस्तुति में हनुमानजी का लंका प्रस्थान, दहन और लंका से वापसी तक के घटनाक्रम को प्रदर्शित किया गया जिसमें मुख्य घटनाक्रम रहा हनुमानजी का लंका की ओर प्रस्थान, सीता से भेंट करके उन्हेंश्रीराम की मुद्रिकादेना, अक्षय कुमार का वध, लंका दहन और लंका से वापसी।
यह कार्यशाला 05 जुलाई से 19 जुलाई तक आयोजित किया गया था। 15 दिवसीय कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक रहे श्रीगौरव यादव, सहायक प्रशिक्षक सुभाष मिश्र एवं शिव ओम पाण्डेय तथा मेकअप में सहयोग किया अमित विश्वकर्मा ने। इस कार्यशाला में कुल 30 छात्र/छात्राओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीराजकपूर, कोषाध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, ग्राम प्रधान मुमताजनगर ीअमरनाथ यादव एवं प्राधानाचार्या पी. एम.ी कम्पोजिट विद्यालय अखतर बानो द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रति भागियों को अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक श्री संतोषकुमार शर्मा द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सदक ए हुसैन ने किया।
अयोध्या से अंतर्राष्ट्रीय फलक पर आई आर वी आर आई रतः संतोष कुमार शर्मा
निदेशक अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक संतोष कुमार शर्मा द्वारा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान को जब से अंतराराष्ट्रीय फलक मिला है तब से रामलीला व रामायण, वेदों, उपनिषदों आदि पौराणिक धरोहर को केंद्र में रखकर उनके संरक्षण के साथ उनके विभिन्न आयामों के हर प्रकार से संवर्धन के लिए संस्थान द्वारा अनेकों कार्य किये जा रहे हैं।
श्रीलंका में स्थापित सीताजी के मंदिर के लिए सरयू जल भेजने से लेकर रामायण कान्क्लेव, बाल रामलीला कार्यशाला, रामायण बालरंग उत्सव एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
रामलीला व रामायण, वेदों, उपनिषदों की शिक्षाओं को नईपीढ़ी में अपनी पौराणिक संस्कृति, संस्कार और नैतिक तापिराने के लिए बाल रामलीला और रामयण उत्सव को स्कूलों में ले जाया गया। अपनी सस्कृति को नौनिहल समझें इस लिए उनके माध्यम रामायण, उनके चरित्रों से संबंधित प्रश्नोत्तरी, चित्रकला आदि प्रतियोगिताएं भी आयेजित की जा रही हैं।
इस क्रम में बाल रामलीला कार्यशाला का आयोजन सिरसागंज, फिरोजाबाद एवं मुमताजनगर अयोध्या के विद्यालयों में आयोजित किया गया। इसके बाद लखनऊ भी शीघ्र ही ऐसा आयोजन किया जा रहा है। रामायण के प्रसंगों को जन जन तक पहुंचाने तथा उनके प्रति जागरूता उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रदेश के 10 जनपदों में रामायण बालरंग उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत रामायण पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता एवं झांकी प्रतियोगिता तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।