राम मंदिर से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने का भी दिया संकेत
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या के छठे दीपोत्सव में शामिल होकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भगवान राम के जरिये न सिर्फ हिंदुत्व की अलख को जगाये रखने का संकेत दिया। बल्कि उन्होंने अयोध्या को कर्तव्य नगरी के रूप में विकसित करने का संदेश दिया। उन्होंने जहां भगवान राम के आदर्शों को अपनाने का संदेश दिया। वहीं अयोध्या वासियों को यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का सेवा सत्कार करने का भाव भी दिया। प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण के बाद भविष्य में न केवल अयोध्या के पर्यटन को बढ़ावा मिलने की बात कही। बल्कि राम मंदिर से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने का भी संकेत दिया।
पीएम मोदी ने अयोध्या वासियों को राम के गुण अपने में उतारने का संदेश दिया। उन्होंने अयोध्या के महत्व को परिलक्षित करते हुए कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति और परम्परा से समाज परिचित हो रहा है। अयोध्या में विकास के ढेर सारे आयाम पैदा हो रहे हैं। पीएम मोदी ने भगवान राम की महिमाओं का गुणगान करते हुए कहा कि श्रीराम के कर्तव्य के सर्वागीण स्वरूप हैं। उनका आचरण हमें मर्यादा का मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी सिखाती हैं।उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम से जितना सीख सकें सीखना है। कहा कि भगवान राम जब जिस रूप में रहे उन्होंने कर्तव्य का बोध कराया है।
उन्होंने अयोध्या वासियों का आह्वान करते हुए कहा कि अयोध्या के लोगों पर अब दोहरा दायित्व हो जाता है। वह दिन दूर नहीं जब विश्व भर में यहां आने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। जहां कण-कण में राम व्याप्त हो वहां का जन-जन कैसा हो, वहां के लोगों का मन कैसा हो यह भी उतना ही अहम है। इसलिए अयोध्या वासियों को यह समझना होगा कि यहां आनो वाले प्रत्येक व्यक्ति का आदर कैसे करना है।राम साक्षात भगवान जब जिस भूमिका में रहे कर्तव्यों पर सबसे ज्यादा बल दिया। वह राजकुमार थे तो राज्यभिषेक के समय श्रीराम एक आज्ञाकारी बेटे का कर्तव्य निभाया। वह सबको साथ लेकर लंका पर विजय प्राप्त करते हैं। राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते हे। राम कर्तव्य भावना से मुख नहीं मोड़ते। इसलिए अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरूरत है। हमारे संविधान की मूल प्रति पर पर राम मां सीता व लक्ष्मण का चित्र अंकित है संविधान का वह पृष्ठ भी मौलिक अधिकारों की बात करता है।