आवक व बिक्री दोनों में आयी भारी कमी
गोसाईगंज। कोरोना के खौफ से बाजार में सन्नाटा हो गया है। गोसााईगंज सब्जी मंडी में न तो किसान अपना सामान लेकर बेचने पहुंच रहे हैं, और न ही खुदरा बाजार में सब्जी बेचने वाले छोटे दुकानदार या रेहड़ी वाले ही पहुंच रहे हैं। लिहाजा बाजार में सन्नाटा पसरा है। इससे एक तरफ तो रोज का करोड़ों का व्यापार प्रभावित हो रहा है, वहीं बाजार में काम करने वाले हजारों दिहाड़ी श्रमिकों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है। स्थानीय बाजारों से हरी सब्जियां मंडी में आ रही हैं, लेकिन ग्राहक न होने के कारण उनके खराब होने का खतरा बना हुआ है। गोसाईगंज नवीन सब्जी मंडी के इस्पेक्टर विनय कुमार मिश्रा के मुताबिक यहां औसतन रोज 1700 से 1800 टन माल की आवक होती है। नवरात्र जैसे त्यौहार में खपत बढ़ने से यह और भी अधिक हो जाती है। लेकिन कोरोना के खतरे के कारण स्थानीय बाजारों से किसान भी अपना माल लेकर मंडी नहीं पहुंच रहे हैं। वही बताया कि पालक के दो रुपये किलो बैगन 5 से 6 रुपए किलो टमाटर सात से आठ रूपए किलो में भी खरीदार नहीं है। मंडी में मुख्य रूप से आलू और प्याज की ही सबसे ज्यादा खपत हो रही है। हरी सब्जियों की बिक्री में भारी गिरावट है। आलू के थोक व्यापारी मुल्ला राईन, दिलदार, छेदी राईन, प्याज विक्रेता रमेश गुप्ता ने बताया आलू की खपत नवरात्र के सीजन में बढ़ जाती थी, लेकिन इस बार खपत सामान्य दिनों से भी आधी रह गई है। पालक जैसी सब्जी दो दिन से ज्यादा नहीं टिकती है। बुधवार और बृहस्पतिवार को बाजार में खरीदार नहीं थे। हालात इस हद तक खराब हो गए थे कि कोई दो रुपये किलो की कीमत में भी पालक खरीदने को तैयार नहीं था। लेकिन खुदरा में कीमत ज्यादा सरकार ने आवश्यक सेवाओं को प्रतिबंध से बाहर रखा है। लेकिन व्यापारियों का आरोप है कि इसके बाद भी पुलिस उनके स्थानीय वाहनों को बाजार तक नहीं आने दे रही है। रेहड़ी-पटरी पर सब्जी बेचने वालों से भी बहुत पूछताछ हो रही है, जिसकी वजह से वे भी बाजार से दूरी बनाए हुए हैं। इससे बहुत कम छोटे दुकानदार मंडी तक पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कोतवाल गोसाईगंज सब्जी मंडी में कोरोला महा बीमारी को लेकर लोगों से दूरी बनाएं रखने की बात बताई मंडी में थोक व्यापारी ही सब्जी खरीदने पहुंच रहे थे। यही कारण है कि कुछ दुकानदार जो बाजार से सब्जियां ले जा रहे हैं, वे ऊंची कीमत वसूल रहे हैं। गोसाईगंज सब्जी मंडी में आलू का भाव 15 रुपये प्रति किलो से लेकर 18-20 रुपये प्रति किलो तक हैं, लेकिन स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 30 रुपये के लगभग बनी हुई है। इसी प्रकार टमाटर की कीमत भी बाजार में 20 से 30 रुपये प्रति किलो है, जबकि मंडी में इसकी कीमत 8 से 10 रुपये किलो के बीच है।