सोहावल।ढेमवा घाट पुल के आसपास बाढ़ एवं कटान को लेकर शुक्रवार को सरयू का जल स्तर कुछ कम होने से प्रशासन और पीड़ित दोनों ने कुछ राहत महसूस किया। इसकी चपेट में आए लोगो की परेशानियों में कोई कमी नहीं आई ढेमवा पुल के रास्ते चल रहे दो निजी स्टीमर से लोग आवागमन करते रहे। दत्त नगर, बहादुर पुर मांझा में बसे पचासों परिवार अभी भी पानी से घिरे और कीचड़ के बीच जीवन यापन कर रहे है। इनके पशुओं का चारा निजी छोटी छोटी नाव से पहुंच रहा है। राहत और बचाव के नाम पर प्रशासन केवल चौकीदारी तक सीमित है। शमशान घाट के रास्ते से लग कर नदी की धारा बह रही है। गत वर्ष डाले गए पत्थरों के जाल ने अब तक कटान से बचा रक्खा है। लेकिन जिन स्थानों पर बोल्डर नही डाले गए वहा कटान की आशंका घर कर रही है।
एक दिन पहले शासन से मिली चार नाव मांझा कला में ही काम आ रही है। ढेमवा नबाबगंज गोंडा मार्ग पर आने जाने वालो से पचास रू प्रति यात्री के हिसाब से वसूली बदस्तूर जारी है। घाट के की किनारे मौजूद दत्तनगर निवासी श्री चंद यादव, राम समुझ , कृपाराम यादव कहते हैं कि लगभग आधा दर्जन परिवार के लोगों ने इस पार आकार शरण लिया है। हम लोग गोंडा के वासिंदे होने के कारण कोई मदद नहीं मिलती। इस जनपद के लोग कभी इधर के लोगो को झांकने नही आते केवल वोट लेते है। उप-जिलाधिकारीसोहावल अशोक कुमार सैनी ने बताया कि प्रशासन की नजर पूरे बाढ़ क्षेत्र पर है। रात दिन निगरानी हो रही है। किसी भी क्षेत्र से चिंता की कोई बात सामने अब तक नहीं आई है। पीड़ित परिवारों की राहत सामग्री तैयार की जा रही है।