अयोध्या। चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के 150 पौराणिक व धार्मिक स्थलों को विकसित करने का मुद्दा सांसद लल्लू सिंह ने लोकसभा में उठाया। पयर्टन मंत्री से इन स्थलों को विकास की मांग करते हुए इससे अयोध्या के वृहद स्वरुप होने तथा पूरी दुनिया के पयर्टकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनने की बात कही।
सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि इन पौराणिक व धार्मिक स्थलों में मख भूमि मखौड़ा, श्रंगी ऋषि आश्रम, श्रवण क्षेत्र, दशरथ समाधि स्थल, सूर्यकुंड, गौरा घाट, चकियवापारा, सूर्यकुंड रामपुरभगन, दुग्धेश्वर कुंड, नंदीग्राम भरतकुंड, पिचाशमोचन कुंड, ऋषि जमदग्नि की तपस्थली, जन्मेजय कुंड़, ऋषि पराशर आश्रम, मां कामाख्या भवानी, बड़ी देवकाली, छोटी देवकाली, गुप्तारघाट का विकास होना है।
उन्होने बताया कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अन्दर पड़ने वाले पौराणिक श्रद्धा के केन्द्रों को वैभवपूर्ण ढंग से विकसित करने से श्रद्धालुओं व पयर्टकों का आवागमन बढ़ेगा। देश दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले लोगो को अयोध्या की अध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत के विषय में जानकारी मिलेगी। इसी परिक्रमा पथ पर संस्कृति व संस्कार के साथ अध्यात्म का ज्ञान देने वाले श्रंगी ऋषि, पराशर, च्यवयन, गौतम, शौनक, अष्टावक्र, माण्डव्य, अगस्त, तुंदिल, यमदग्नि जैसे श्रेष्ठ मुनियां की तपस्थलियां है। जिनके समग्र विकास के जरीए समाज व देश संस्कार के साथ अध्यात्म की नई धारा में जोड़कर भारतीय संस्कृति को पुष्ट किया जा सकता है।
चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का मुद्दा सांसद ने सदन में उठाया
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