Breaking News

पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर बनाता है शंकालु व ईर्ष्यालु : डा. आलोक

पीपीडी के प्रति परिजनों की जागरूकता से सम्भव है उपचार

अयोध्या। पीपीडी यानि पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित युवा हमेशा चौकन्ने होते हैं, यह मानते हुए कि अन्य लोग लगातार उन्हें नुकसान पहुंचाने, नुकसान पहुंचाने या उन्हें धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं। उक्त विचार जिला चिकित्सालय के किशोर मनो चिकित्सक डा. आलोक मनदर्शन ने व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि ये लोग आम तौर पर निराधार मान्यताओं व दोष और अविश्वास के कारण निकट संबंध बनाने में बहुत कम सफल होते हैं । इस विकार वाले लोग दूसरों के प्रति विश्वास, निष्ठा, या विश्वसनीयता पर संदेह करते हुए ऐसे विचारों से घिरे रहतें हैं कि दूसरे उनका उपयोग कर रहे हैं या उन्हें धोखा दे रहे हैं। इसी भय के कारण व्यक्तिगत सूचनाओं को प्रकट करने के लिए अनिच्छुक होते हैं।
उन्होंने बताया कि सामान्य टिप्पणियों से भी अपमानित महसूस करने तथा गुस्से के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और जवाबी कार्रवाई के लिए तत्पर रहते हैं। बिना किसी कारण के लगातार संदेह रखतें हैं कि उनके पति, पत्नी या प्रेमी,प्रमिका बेवफा हो रहे हैं। शत्रुतापूर्ण, जिद्दी और तर्कवादी होतें हैं। पीपीडी का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन इसमें जैविक और मनोवैज्ञानिक कारकों का संयोजन शामिल है। तथ्य यह है कि पीपीडी उन लोगों में अधिक आम है जिन के परिवार में इस विकार की हिस्ट्री हो ।साथ ही बचपन के शुरुआती अनुभवों, जिनमें शारीरिक या भावनात्मक आघात भी शामिल हैं, पीपीडी के विकास में भूमिका निभाने के लिए अहम हैं।
डा. आलोक ने बताया कि पीपीडी वाले लोग अक्सर अपने दम पर इलाज की तलाश नहीं करते हैं क्योंकि वे खुद को एक समस्या के रूप में नहीं देखते हैं। इसलिये इनके उपचार में परिजनों का ही अहम योगदान होता है ।दवाओं के साथ ही मनोपरामर्श पीपीडी के लिए प्रभावी उपचार है ।इसके द्वारा मनोअंतर्दृष्टि का विकास इस प्रकार किया जाता है व्यक्ति अपने वहम व विभ्रम को सक्रिय रूप से पहचान सके तथा सामाजिक व्यवहार का पुनर्निर्माण कर सके।

इसे भी पढ़े  अयोध्या में शोध की अपार संभानाएं : प्रो. नरेंद्र कुमार

Leave your vote

About Next Khabar Team

Check Also

नवरात्रोत्सव की टोन बढ़ाती है हैप्पी हार्मोन : डॉ. आलोक मनदर्शन

– मूड स्टेब्लाइज़र है नवरात्र की दिनचर्या अयोध्या। नवरात्रोत्सव के साथ मनोरसायनिक बदलाव होने शुरु …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.