अयोध्या। आचार्य पीठ तपस्वी छावनी, रामघाट के महन्त स्वामी परमहंसदास ने अयोध्या जनपद को अण्डा, मांस, मदिरा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए चाहे उनके प्राण ही क्यों न चले जाएं। लेकिन वह अयोध्या में अंडा, मांस, मदिरा नही बिकने देंगे। बुधवार को श्री दास ने रामलला व हनुमागढ़ी का दर्शन करने के बाद अपनी दोनों भुजाओं को उठाकर अयोध्या जिले को मांस-मदिरा मुक्त बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहाकि जिस तरह भगवान ने राक्षसों को मारने के लिए संकल्प लिया था। ठीक उसी तरह आज मैंने संकल्प लिया है कि अयोध्या में अंडा, मांस, मदिरा नही बिकने देंगे। इसको लेकर मेरे द्वारा कुछ महीने पहले जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया जा चुका है, जिसमें उन्होंने कार्यवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है और जिले में मांस-मदिरा बिक रही है। फिर उसके बाद पालघर की घटना को लेकर मैं अनशन पर बैठा। उस दौरान मैंने प्रधानमंत्री को भी सम्बोधित एक ज्ञापन भेजा, जिसमें मांग किया था कि अयोध्या जनपद को अंडा, मांस, मदिरा मुक्त किया जाए। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नही की गई। इसके बाद मंगलवार को विहिप अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पतराय से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा है कि इस पर हमारी सारे संत-धर्माचार्यों से बात हो गई है। सब चाहते हैं कि अयोध्या का जो स्वरूप रहा है वह पुनः प्रतिष्ठित हो और मांस-मदिरा न बिके। परमहंस ने कहाकि अवध मतलब होता है हिंसा मुक्त क्षेत्र। जहां किसी तरह की हिंसा न हो। उसी को अयोध्या या अवध कहते हैं। अभी तक कांग्रेस का शासनकाल रहा है। कांग्रेस ने ७० सालों से लगातार भारतीय संस्कृति पर केवल कुठाराघात ही किया है। लेकिन जब आज राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जय श्री राम बोल रहे हैं। मेरा मानना है कि प्रभु श्रीराम के पक्ष में फैसला आ गया है। तो अयोध्या धाम को भी ध्यान में रखते हुए। उसका जो स्वरूप है उसके अनुसार प्रतिष्ठित किया जाए। महन्त ने कहाकि अयोध्या को अंडा, मांस, मदिरा मुक्त बनाने के लिए सभी साधु-संत हमारे साथ हैं। संतो ने कहा है कि शस्त्र और शास्त्र दोनों के साथ हम रहेंगे। जहां जिसकी जरूरत पड़ेगी तो उसी अनुसार तत्पर रहेंगे। तत्काल अंडा, मांस, मदिरा यहां पर प्रतिबंधित कर देना चाहिए। श्री दास ने कहाकि भगवान श्रीराम ने कहा है वैकुण्ठ से भी श्रेष्ठ अयोध्या है। जहां से मानवता का उदगम हुआ है। यही पूरे विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। इसके लिए हम संत-धर्माचार्यों को जो भी कुछ करना होगा। वह करेंगे, चाहे उसके लिए हमें अपने प्राणों को भी क्यों न समर्पित करना पड़े। उसके लिए पीछे नही होंगे। लेकिन अयोध्या में अंडा, मांस, मदिरा नही बिकने देंगे।
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