सविंदा कर्मी द्वारा रूपये लेने का वीडियो हुआ वायरल
बीकापुर। ग्राम पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के लिए अदेय प्रमाण पत्र बनवाने वालों की पंचायत राज विभाग और क्षेत्र पंचायत कार्यालय में भीड़ लगने लगी है। जिन प्रधानों ने विकास कार्यों के लिए मिली धनराशि खर्च करने के बाद कार्य पूर्ण प्रमाण पत्र नहीं दिया है उन्हें अदेय प्रमाण पत्र न जारी होने का डर सताने लगा है। इसलिए वह पहले से ही अधिकारियों से अदेय प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए गोटियां बैठाने लगे हैं।
वही क्षेत्र पंचायत कार्यालय से जारी होने वाले अदेय प्रमाण पत्र के संभावित उम्मीदवारों से पचास रुपये रुपये तक वसूले जा रहे हैं। जो प्रशासन के किसी भी खाते में जमा नहीं किए जाते हैं। पंचायत राज और क्षेत्र पंचायत विभाग से अदेय प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए संभावित उम्मीदवारों की भीड़ कमरे के अंदर लगी हैं। जिन वर्तमान प्रधानों ने धनराशि खर्च कर कार्य पूर्ण प्रमाण पत्र नहीं दिया है वह अदेय प्रमाण बनवाने के लिए सौंदा करने लगे हैं वहीं विकास खंड बीकापुर कार्यालय में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों से संजय अचारी व एक अन्य महिला कर्मी की देखरेख में संतोष कुमार पांडे कम्प्यूटर आपरेटर सविंदा कर्मी के द्वारा प्रति अदेय प्रमाण पत्र जारी करने के सापेक्ष पचास रुपये खुले आम लिया जा रहा जिसका वीडियो भी वायरल किया जा रहा है। इस बारे सम्बंधित खंड विकास अधिकारी से जानकारी चाही तो वह जबाब देने के बजाय फोन पर बात करते हुए अपने आफिस से बाहर निकल गये और कोई जवाब नही दिए । जबकि नियमानुसार बकाये दारों की सूची चस्पा होनी चाहिए ऐसा कुछ नहीं है।
नोड्यूज और शपथ पत्र बनवाने में प्रत्याशियों के छूट रहे पसीने
मिल्कीपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं ग्राम पंचायत सदस्य पदों हेतु चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को तहसील से नोड्यूल्स देयता प्रमाण पत्र जारी करवाने सहित नोटरी शपथ पत्र बनवाने हेतु खरीदे जा रहे स्टांप पेपर 3 गुना लागत अदा करनी पड़ रही है यही नहीं आधे का प्रमाण पत्र जारी किए जाने के नाम पर भी राजस्व संग्रह अमीनों द्वारा जबरदस्त अवैध वसूली की जा रही है। बताते चलें कि पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ स्टांप पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान किया गया है जिसके तहत प्रत्याशी तहसील परिसर में स्टाफ विंडो के पास स्टैंप पेपर खरीदने पहुंच रहे हैं जहां आलम है कि स्टांप वेंडर 10 रुपए का स्टांप 30 से 50 रुपए तक में बेचकर उम्मीदवारों की जेब में दिनदहाड़े डाका डाल रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को मिल्कीपुर तहसील परिसर में जरूरतमंद लोगों ने जमकर हंगामा भी काटा बताया जा रहा है कि अधिवक्ता सभागार में एक स्टांप वेंडर कुछ अधिवक्ताओं के संरक्षण में स्टांप बेच रहा था जो जरूरतमंद लोगों से संबंधित स्टांप की कीमत तीन से पांच गुना अधिक वसूलने पर तुला था। इसको लेकर को देर तक हंगामा हुआ। यह तो केवल नमूना रहा इससे पीछे राजस्व संग्रह अमीन भी नहीं रहे उनके द्वारा भी राजस्व संग्रह विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले अदेयता प्रमाण पत्र के नाम पर भी 100 से 200 रुपए तक खुलेआम वसूला जा रहा है।