-शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान नहीं, जीवन मूल्यों से जुड़ना भी है : प्रो. अनूप कुमार
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने अयोध्या की गौरवशाली परंपरा और गुरु-शिष्य संबंध को स्मरण किया। छात्रों को संबोधित करते हुए समन्वयक प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि अयोध्या सदियों से ज्ञान, संस्कृति और आस्था की धरोहर रही है।
यहाँ की गुरु-शिष्य परंपरा अनुपम रही है, जिसने समाज को एक नई दिशा और प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि जीवन को संस्कार और मूल्यों से जोड़ना है। शिक्षक ही वह शक्ति है जो अज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश के मार्ग पर ले जाता है। शिक्षक दिवस पर हम सभी अपने गुरुजनों को नमन करते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर आदर्श नागरिक बनेंगे। कार्यक्रम में डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि हम सभी डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के दिन शिक्षक दिवस मनाते हैं।
वे केवल एक महान शिक्षक ही नहीं, बल्कि शिक्षा के सच्चे दूत और आदर्श व्यक्तित्व थे। शिक्षक दिवस केवल शिक्षकों का सम्मान करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह दिन छात्रों और शिक्षकों के बीच उस पवित्र संबंध को और मजबूत बनाने का अवसर है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे अनुशासन और ईमानदारी को जीवन का हिस्सा बनाएँ, समाज और देश की प्रगति में योगदान दें और सदैव माता-पिता तथा शिक्षकों का सम्मान करें। कार्यक्रम में शिक्षक डॉ. राज नरायण पाण्डेय ने कहा कि रामनगरी में गुरु वशिष्ठ और गुरु विश्वामित्र जैसे आचार्यों ने शिष्यों को धर्म, नीति और आदर्श जीवन की शिक्षा दी।
एक शिक्षक का वास्तविक सम्मान तभी है जब विद्यार्थी शिक्षा को समझें, उसका सही उपयोग करें और जीवन में अच्छे संस्कार अपनाएँ। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने संकल्प लेते हुए गुरुजनों की शिक्षाओं को आत्मसात कर जीवन में सफल और अच्छे इंसान बनेंगे। कार्यक्रम का संचालन शगुन जायसवाल व कामिनी चैरसिया ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अनुश्री द्वारा किया गया। इस अवसर पर अक्श, श्रेया, सृष्टि, शगुन, निहारिका, मानसी, हर्शिता, विश्वनाथ, रिंका, दीपगोपाल, नीरज, शिवांश, अर्पिता, प्रिंस, निलेश्वर, अभिनव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।