इसी दिन 2017 को शिक्षामित्रों का छीना था शिक्षक सम्मान, अकाल काल के गाल में समा गए 10000 से ज्यादा शिक्षामित्र की आत्म शांति के लिए कैंडल के साथ करेंगे प्रार्थना
अयोध्या। शिक्षामित्र की नियुक्ति सन 2001 से बंद विद्यालयों के ताले खोलने के लिए की गई थी। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया, परंतु 25 जुलाई 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के एक तकनीकी निर्णय के कारण 137000 शिक्षामित्रों का शिक्षक पद सम्मान छिन गया। परिणाम आज सबके सामने हैं कि तब से लेकर आज तक उत्तर प्रदेश के 26000 प्राथमिक विद्यालय बंद कर दिए गए। अपनी ग्राम सभा के टापर शिक्षामित्र ने बड़ी शिद्दत से पूरी नौजवानी न्योछावर कर बेसिक शिक्षा में अनमोल योगदान दिया था।
लगभग 23 वर्षों के बाद भी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षामित्र आज एक मजदूर से भी कम मानदेय पर काम करने को विवश है। कई बार सरकार से वार्ता के बावजूद भी उसके मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई जबकि पड़ोस के अन्य राज्यों में दोगुना से लेकर 5 गुना तक मानदेय वृद्धि हो चुकी है।
समायोजन निरस्त होने की पीड़ा से दुःखी हजारों शिक्षामित्र अवसाद आर्थिक तंगी और बीमारी के कारण मृत्यु का शिकार हो गए।
इसी को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष दुर्गेश मिश्रा के नेतृत्व में आगामी 25 जुलाई को शहर मुख्यालय गांधी पार्क में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जनपद के सभी शिक्षामित्रों को प्रतिभाग़ के लिए कहा गया है। इस अवसर पर तैयारी बैठक में आशुतोष प्रताप सिंह, राजेश कुमार तिवारी, विजय कुमार, राम शंकर, संजय कुमार, संतोष पांडे, संतोष तिवारी, मुनीष कुमार वर्मा, मोहम्मद मोबीन, श्यामलाल प्रजापति, रेखा शुक्ला, साधना सिंह, शबनम बानो, ईश कुमार वर्मा, संगीता गुप्ता, राम दर्शन यादव ,आशीष कुमार श्रीवास्तव, राम करण भारती, रत्नेश पाण्डेय,मनोज शुक्ला, विनय मिश्रा, विजय लक्ष्मी सिंह, सुनीता पटेल, साधना पाण्डेय आदि सहित दर्जनों लोगों को दिशा निर्देश देकर उक्त कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में अवगत कराया गया। उपरोक्त बैठक महादेव पब्लिक स्कूल नाका में हुई। जिसका संचालन मीडिया प्रभारी आशीष श्रीवास्तव ने किया।