-वरिष्ठ आईएएस मुकुल सिंघल के नेतृत्व में कमेटी बनी लेकिन नहीं निकल कोई हल
लखनऊ, (आरएनएस )राजधानी में ओबीसी अभ्यर्थियों का धरना 153 दिन से जारी है पर कोई निशान नहीं मिल रहा। मांगों पर कार्रवाई न होने के बाद भी अभ्यर्थियों का शुक्रवार को भी धरना जारी है।
बता दें कि अभ्यर्थियों ने इसके साथ ही 23 नवंबर को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दे डाली है। हालांकि पीएम मोदी के कार्यक्रम और बड़े स्तर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की वजह से यह घेराव संभव होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में एक बार फिर से यह कार्यक्रम आगे के लिए टल सकता है। इससे पहले भी एक बार विधान भवन का कार्यक्रम कैंसिल हो चुका है। ओबीसी- एससी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले चल रहे धरने में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि करीब 20 हजार पदों में धांधली की गई है। इसकी वजह जो सही हकदार थे उनको नौकरी नहीं मिल पाई है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में भी आ चुकी है।
इसके बावजूद सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। ईको गॉर्डन में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि अब सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। उनका लगातार आश्वासन दिया गया, उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। वरिष्ठ आईएएस मुकुल सिंघल के नेतृत्व में कमिटी भी बनी है, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। ऐसे में अब 23 नवंबर को विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकारी भ्रष्टाचार की वजह से 20 हजार नौकरियां अन्य वर्गों के लोगों को मिल गई हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी की वजह से भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। हम लोग मुख्यमंत्री तक को मांग पत्र भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब मजबूरन हमें सड़क पर उतरना पड़ रहा है।