-कृषि विवि में विश्व क्षय रोग दिवस पर मरीजों को किया गया जागरूक
मिल्कीपुर। विश्व क्षय रोग दिवस पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा क्षय रोगियों को पोषक आहार का वितरण किया गया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में टीबी रोग के मरीजों को रोग से संबंधित जानकारी, उपचार एवं रोगियों को पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाने का कार्यक्रम पूर्व से ही आयोजित किया जा रहा है । विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व में 2 अरब से ज्यादा लोगों को लेटेंट ( सुप्त) टी बी संक्रमण है । सक्रिय टीबी की बात की जाए तो इस अवस्था में टीबी का जीवाणु शरीर में सक्रिय अवस्था में रहता है तथा यह स्थित व्यक्ति को बीमार बनाती है। सक्रिय टीबी का मरीज दूसरे स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके लिए सक्रिय टीबी के मरीजों को चाहिए कि अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाकर बात करें और मुंह पर हाथ रखकर खासना और छींकना चाहिए। डॉ सिंह के निर्देश के क्रम में आज विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के खाद्य विज्ञान व पोषण विभाग तथा परिसर में स्थित चिकित्सालय द्वारा अधिष्ठाता डॉ नमिता जोशी डॉ स्वाति ,मिथलेश आदि के नेतृत्व में कैंप लगाकर पूर्व में चयनित 20 क्षय रोगियों को क्षय रोग की जानकारी, बचाव एवं पोषक आहार का वितरण किया गया । विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि क्षय रोगियों को पिछले कई महीनों से ,महीने में दो बार 15 दिन के अंतराल पर पोषक आहार का वितरण विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है । कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि क्षय रोग की तेजी से पैर पसारने की मुख्य वजह गरीबी व जागरूकता की कमी है । गरीबी की वजह से लोग पोषक तत्वों से युक्त भोजन नहीं कर पाते, इससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती हैं, इसके अलावा नशे का आदी हो जाने के कारण प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और क्षयरोग के शिकार हो जाते हैं ।ऐसे में छय रोग के मरीजों को पोषक तत्वों के सेवन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम को भविष्य में निरंतर विश्वविद्यालय के सहयोग से करते रहेंगे ।
विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ नमिता जोशी, खाद्य विभाग व पोषण विभाग की डॉ स्वाति शुक्ला ने रोगियों को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी, संतुलित आहार के साथ-साथ भोजन में ऊर्जा व प्रोटीन युक्त पदार्थों को अधिक मात्रा में सेवन करने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि इस रोग में अधिकांशतः भूख समाप्त हो जाती है , अतः उन्हें हर 2 घंटे के अंतराल पर खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए । क्षय रोगियों को घर का बना पौष्टिक आहार जैसे पनीर ,अंडा ,मिश्रित दलिया, दालें , मूंगफली की बर्फी/ लड्डू, बेसन के लशड्डू, चिक्की, केला आंवला, पपीता, सहजन ,आम , हरी व मौसमी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।