-कृषि विश्वविद्यालय एवं डोगरा रेजिमेंटल सेंटर के बीच हुआ एमओयू
अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय एवं डोगरा रेजिमेंटल सेंटर अयोध्या कैंट के बीच एक एमओयू हुआ। कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह एवं डोगरा रेजिमेंटल सेंटर अयोध्या कैंट की ओर से ब्रिगेडियर के. आर. सिंह, कमांडेंट ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस पहल से सेना के जवानों को कृषि बागवानी की नवीनतम तकनीकियों के बारे में सीखने का मौका मिलेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने इसे एक अनोखी पहल बताया। उन्होंने कहा कि अब डोगरा रेजिमेंट के जवान रिटायर होने के बाद कृषि विश्वविद्यालय से जुड़कर कृषि से जुड़ी विभिन्न तकनीकि जानकारियों को हासिल कर सकेंगे कुलपति ने बताया कि विवि के विशेषज्ञ रिटायर होने वाले जवानों को मृदा स्वास्थ्य, फसल प्रबंधन एवं सिंचाई, फसल सुरक्षा विधियों, कीट प्रबंधन, मूल्यवर्धित प्रसंस्करण, विपणन और उद्यमशीलता, कृषि अऩुसंधान, डिजिटल उपकरण, फसल विज्ञान में नवीनतम नवाचारों, फलों एवं सब्जियों की तकनीकि, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, मखाना की खेती, प्राकृतिक एवं जैविक खेती की गुणवत्ता आदि की ट्रनिंग देंगे। विभिन्न जानकारियों को हासिल करने के बाद यह जवान अपने घर के आसपास ही व्यवसाय या कृषि उद्योग स्थापित सकेंगे।
इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं वैज्ञानिक भी डोगरा रेजिमेंटल द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकेंगे। इस दौरान अनुशासन में रहकर सेना के जवानों की भांति कार्य करने की क्षमता को विकसित करने का मौका मिलेगा। शिक्षकों को जवानों के साथ रहकर रोजाना के दिनचर्या में अपने आपको व्यस्त रखने की भी जानकारी हासिल हो सकेगी। इस मौके पर कुलपति के सचिव डा. जसवंत सिंह, कर्नल राजा चक्रबर्ती, लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश, सेना के अधिकारी एवं अन्य जवान मौके पर मौजूद रहे।
कुलपति ने बताया कि विवि के विशेषज्ञ रिटायर होने वाले जवानों को मृदा स्वास्थ्य, फसल प्रबंधन एवं सिंचाई, फसल सुरक्षा विधियों, कीट प्रबंधन, मूल्यवर्धित प्रसंस्करण, विपणन और उद्यमशीलता, कृषि अऩुसंधान, डिजिटल उपकरण, फसल विज्ञान में नवीनतम नवाचारों, फलों एवं सब्जियों की तकनीकि, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, मखाना की खेती, प्राकृतिक एवं जैविक खेती की गुणवत्ता आदि की ट्रनिंग देंगे। विभिन्न जानकारियों को हासिल करने के बाद यह जवान अपने घर के आसपास ही व्यवसाय या कृषि उद्योग स्थापित सकेंगे।
इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं वैज्ञानिक भी डोगरा रेजिमेंटल द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकेंगे। इस दौरान अनुशासन में रहकर सेना के जवानों की भांति कार्य करने की क्षमता को विकसित करने का मौका मिलेगा। शिक्षकों को जवानों के साथ रहकर रोजाना के दिनचर्या में अपने आपको व्यस्त रखने की भी जानकारी हासिल हो सकेगी। इस मौके पर कुलपति के सचिव डा. जसवंत सिंह, कर्नल राजा चक्रबर्ती, लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश, सेना के अधिकारी एवं अन्य जवान मौके पर मौजूद रहे।