-पश्चिम बंगाल निवासी गिरोह की गिरफ्तारी से हुआ खुलासा
अयोध्या। सुप्रीम फैसले के बाद जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण और विकास के बीच राम नगरी देश-विदेश के श्रद्धालुओं ही नहीं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई है। देश-दुनिया के लोगों की राम नगरी में आमद ने जरायम पेशा बड़े गिरोहों को भी आकर्षित किया है। पश्चिम बंगाल निवासी 8 सदस्यीय गिरोह की गिरफ्तारी से इसका खुलासा हुआ है।
गौरतलब है कि सप्तपुरियों में एक राम नगरी अयोध्या करोड़ों राम भक्तों और श्रद्धालु की आस्था का केंद्र रही है। प्रतिवर्ष राम नगरी में तीन बड़े मेलो ऐतिहासिक चैत रामनवमी मेला, सावन पूर्णिमा झूला मेला और कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन होता है। इन मेलों में जनपद ही नहीं आसपास के कई जनपदों के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती रही है। दूर-दर्ज, गाँव-गिरांव से आने वाले श्रद्धालु चैत रामनवमी में 14 कोसी और पंचकोशी परिक्रमा के बाद पूर्णिमा स्नान कर वापस घर लौटते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से राम जन्मभूमि, बाबरी मस्जिद विवाद में फैसला विराजमान रामलला के पक्ष में सुनाये जाने और जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद से ही राम नगरी अयोध्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की तादात में गुणोत्तर बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के बीच देश के विभिन्न प्रांतों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु और पर्यटक दर्शन-पूजन तथा भ्रमण के लिए राम नगरी पहुंच रहे हैं। इसके चलते जहां पहले मेला और पर्व-त्यौहार के दौरान ही रामनगरी में अच्छी-खासी भीड़ होती थी, वही अब यह रोजमर्रा की चीज हो गई है। आये दिन राम नगरी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ से गुलजार रहती है।
ऐसा नहीं है कि लगभग 500 वर्षों तक चले विवाद और संघर्ष के बाद जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और राम मंदिर निर्माण ने देश-दुनिया के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ही आकर्षित किया बल्कि बदले हालात में जरायम पेशा गिरोह भी राम नगरी की ओर आकर्षित हुए हैं। कई सौ किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के कोडरमा जिले का एक गिरोह आकर्षित होकर राम नगरी पहुंचा और गिरोह ने यहां वारदात अंजाम दी। मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुटी पुलिस गिरोह तक पहुंची तक मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि गिरोह देश के विभिन्न हिस्सों स्थित तीर्थ स्थलों तथा पर्यटक स्थलों पर भीड़ भाड़ का फायदा उठाकर जेब कतरी चैन स्नैचिंग और कार का शीशा तोड़ कीमती सामान चोरी करने के लिए कुख्यात है।
ऐसा नहीं है कि इसके पूर्व राम नगरी के प्रमुख मेलों और पर्व-त्यौहारों में शातिर जेबकतरों, चैन स्नैचर तथा चोरी की वारदात से जुड़े गिरोह की कारस्तानी और सक्रियता प्रकाश में ना आई हो। अमूमन मेलों और पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं के साथ इस तरह की वारदात होती रही है और पूर्व में अयोध्या कोतवाली पुलिस ने कई मामलों का खुलासा भी किया। कुछ में आसपास के जनपदों की महिलाएं और उनके पुरुष साथी पकड़े गए तो कुछ मामलों में बिहार और झारखंड के लोग, लेकिन इतनी दूर पश्चिम बंगाल का गिरोह पहली बार हत्थे चढ़ा है।
ट्रेनों में भी हाथ साफ करता है गिरोह
-पश्चिम बंगाल के कोडरमा जिले से ताल्लुक रखने वाला यह गिरोह ट्रेनों में भी सक्रिय रहता है। भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर यात्रियों की जेब और शरीर पर पहने हुए आभूषण पार करने में गिरोह पारंगत बताया जाता है। खास बात यह कि राजस्थान प्रांत के बावरिया गिरोह की तरह अपने प्रांत और जनपद में चर्चित होने के बावजूद यह गिरोह स्थानीय स्तर पर वारदात करने से बचता है। इतना ही नहीं रणनीति बन जाने के बाद गिरोह के सदस्य हवाई जहाज और रिजर्वेशन के माध्यम से ट्रेन की यात्रा अथवा प्राइवेट वाहन हायर कर मौके तक पहुंचता है और वारदात के बाद रकम और जेवरात एकत्र होने पर गिरोह के सदस्यों के हाथ अलग ठिकाने पर भिजवा दिया देता है। कई वर्षो से जरायम में सक्रिय इस गिरोह ने अपना दायरा ओडिशा और झारखंड तथा बिहारतक फैला रखा है और वहां के निवासियों को भी अपने गिरोह में शामिल कर रखा है।
एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि यहां भी वारदात के पूर्व गिरोह के दो सदस्य पश्चिम बंगाल से हवाई यात्रा कर पहुंचे थे। खास बात यह है कि इनके गिरोह में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। परिवारों के सदस्य अलग स्थानों पर छिनैती और डिक्की तो सामान चोरी की घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। पुलिस इस गिरोह की कुंडली तलाश रही है जिससे इनका आपराधिक रिकॉर्ड हासिल हो सके।