मिट्टी जांच की प्रयोगशाला होते हुए भी नहीं हो पा रही मिट्टी की जांच
मिल्कीपुर। केंद्र व राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने का दम तो भर रही है लेकिन कृषि संस्थानों की लापरवाही इसमें बाधा बन रही है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे संस्थान में ही किसानों की मिट्टी की जांच नहीं हो रही है।
विश्वविद्यालय के मृदा परीक्षण विभाग की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। जबकि यहां प्रतिवर्ष 22 से 25 जिलों के किसान भ्रमण पर आते हैं भ्रमण के दौरान प्रशिक्षण भी लेते हैं पर यहां वे मिट्टी की जांच के बारे में नहीं पता कर पाते। न ही उन्हें इसके बारे में बताया जाता है, जबकि विश्वविद्यालय में केंद्र बना हुआ है। वैज्ञानिक किसानों की फसल के बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी की जांच आवश्यक बताते हैं। केंद्र सरकार ने मृदा परीक्षण कार भी बनवाया लेकिन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में मिट्टी जांच की प्रयोगशाला होते हुए भी मिट्टी की जांच नहीं हो पा रही है।
मृदा परीक्षण में लगे लैब टेक्नीशियन 3 साल पहले सेवानिवृत्त हो गए तब से मिट्टी की जांच करने वाले कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हो पाई। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने का सपना दम तोड़ता नजर आ रहा है। किसान भोलानाथ, ओम प्रकाश, वेद प्रकाश तिवारी दिनेश कुमार, प्रेमनाथ समेत कई अन्य किसानों का कहना है कि इतने बड़े कृषि विश्वविद्यालय में जब मिट्टी की जांच की सुविधा नहीं है तो आगे प्रशिक्षण आज कैसे होता होगा।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता वेद प्रकाश ने बताया कि कर्मचारियों की कमी होने के चलते विश्व विद्यालय परिसर में मृदा परीक्षण नहीं हो पा रहा है। फिलहाल किसानों की सुविधा के लिए कृषि विश्वविद्यालय की ओर से खोले गए अन्य जनपदों में कृषि विज्ञान केंद्रों पर मृदा परीक्षण की व्यवस्था है वहां से किसान आसानी से अपने खेत की मिट्टी जांच करा सकते हैं।