हिन्दी दिवस पर हुई विचार गोष्ठी
रूदौली। अवकाश प्राप्त अध्यापक कृष्णानन्द गुप्त के संयोजन में हिन्दी दिवस के अवसर पर आर्य समाज मंदिर रुद्रावली में विचार गोष्ठी व काव्य संध्या का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राम चन्द्र यादव विधायक रूदौली ने मा वीणा पाणी के चित्र पर दीप प्रज्वलन, व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । अपने सम्बोधन में विधायक ने कहा कि हिंदी दिवस का कार्यक्रम प्रेणना दायक है आयोजन के भाव को हमे नई पीढ़ी को बताना है ,हिन्दी भाषा हमारी देव नागरी लिपि है इसको अत्यधिक प्रयोग में लाने के लिए सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकार जरूर किया गया था लेकिन उसे अभी वास्तविक स्थान नही मिला है । हिन्दी भाषा जैसी समग्रता अन्य किसी भाषा मे नही है । विधायक ने हिंदी दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया । आर्य समाज के मंत्री शतीन्द्र प्रकाश शास्त्री ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती का हिंदी के उत्थान के लिए किया गया कार्य अतुलनीय है सत्यार्थ प्रकाश जैसे महान ग्रंथ उन्होंने हिंदी में लिख कर भाषा प्रेम को प्रदर्शित किया है । आयोजक कृष्णानन्द गुप्त ने कहा कि हिन्दी भाषा विश्व की अन्य भाषाओं में अपना विशेष स्थान रखती है लेकिन भारत देश मे अभी भी इसे यथोचित स्थान नही मिला है । पूर्व पालिकाध्यक्ष अशोक कसौधन ने सभी को हिंदी दिवस की शुभ कामनाये देते हुए सामाजिक व साहित्यिक संगठनों से संवर्धन के कार्य करने का आह्वान किया। नरसिह नारायण पाण्डेय ,चंचल“ की अध्यक्षता व राष्ट्रपति से सम्मानित अध्यापक देवेन्द्र चरण खरे “आलोक“ के कुशल संचालन में आयोजित काव्य संध्या का शुभारंभ मा सरस्वती की बन्दना से करते हुए विंध्यवासिनी प्रसाद मिश्र “चंचल’ने कहा कि सरस्वती मैय्या आय दरस दिखाई दे । वीणा झनकार सारा तमस नसाय दे। हिंदी अपनी भाषा है भारत की परिभाषा है ।जनमानस में रची बसी । जन गण मन की अभिलाषा है। कार्यक्रम संयोजक कृष्णानन्द गुप्त ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा कि वन्दन हिंदी का अभिनन्दन हिंदी का । भारत माँ के माथे पर चन्दन हिंदी का । चंदा लाल राही ने कहा कि श्रीमती जी को मैडम कहने की लाचारी , पहचान किसे अपने सम्मान की। जय जय हिन्दी जय हिंदुस्तान की कार्यक्रम का संचालन करते हुए देवेंद्र चरण खरे आलोक ने अपना भाव प्रदर्शित करते हुए कहा कि हिन्दी हिंदी कहते अंग्रेजी सरकार हुई। आज जमीनी संस्कृत थाती भाषा भी लाचार हुई । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नरसिंह नारायण पाण्डेय चंचल ने कहा कि भारत माँ की सुहाग बिंदी ।इस हिन्दी की अनुरंजित उषा अब आरती सजायेगी । इसके अलावा जितेंद्र यादव नीरज कृष्णा अग्रवाल,विनोद कसौधन, अनुराग तिवारी, राजेश गुप्ता आदि ने अपनी रचनाये पड़ी । कार्यक्रम में पत्रकार अजय गुप्त विवेक कुमार गुप्त ,राज किशोर सिंह, विनय मिश्र, हिमांशु गर्ग, प्रेम जायसवाल मनोज सोनी, मनीष चौरसिया, सलिल प्रकाश, प्रेम हरि, बृजेश धवन,रघुकुल अग्रवाल, हरिनारायण आर्य, सौरभ, पुष्कर, भीष्म नारायण आदि लोग उपस्थित थे।अन्त में आयोजक विवेक कुमार गुप्त ने सभी आगंतुको के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया ।