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राम मंदिर के लिए दान नहीं, मांग रहे समर्पण : चंपत राय

-15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले जनसंपर्क अभियान को लेकर हुआ सम्मेलन

अयोध्या। राममंदिर निर्माण के लिए आगामी 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले जनसंपर्क अभियान को लेकर अयोध्या में भी संत सम्मेलन का आयोजन विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम में हुआ। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया कि अयोध्या में सबके आराध्य भगवान राम का घर बन रहा है। उनके घर के निर्माण के लिए हम दान नहीं बल्कि ऐच्छिक समर्पण मांग रहे हैं। यह धन संग्रह नहीं बल्कि निधि संग्रह अभियान होगा। जिसके तहत देश की आधी आबादी से जनसंपर्क किया जाएगा। उन्होंने बैठक में शामिल संतों को राममंदिर निर्माण की प्रगति से भी अवगत कराया। चंपत राय ने बताया कि इस अभियान को लेकर देश के 40 शहरों में बैठकें होंगी। भगवान का घर तोड़ा गया था वह अब फिर से बन रहा है, समाज स्वेच्छा से समर्पण करें। उन्होंने कहा कि हमारे पास चार रास्ते हैं। पहला रास्ता हम बडे़े-बड़े उद्योगपतियों टाटा, बिरला, अंबानी के पास जाएं, दूसरा दुनिया के लोगों से दौलत मंगवाए, तीसरा बड़ी-बड़ी कंपनियों का सहयोग लें और चौथा मार्ग जनता के पास जाएं।
अभी हमने चौथा मार्ग चुना है। इसके बाद यदि कुछ बचता है तो अन्य मार्ग भी अपनाएंगे। टाटा, बिरला, अंबानी भी जनता का एक हिस्सा हैं। उन्होंने बैठक में शामिल संतों से इस अभियान में सहभागिता निभाने की अपील की।
कहा कि 36 साल से करीब 15 हजार संत राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। इसलिए संत समाज भी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर निकले। अपने क्षेत्र का चयन कर लीजिए और अभियान का हिस्सा बनिए। प्रत्येक कार्यकर्ता की दृष्टि लगे यह इच्छाशक्ति है। प्रांत, ब्लाक, गांव व मोहल्ले वार टोलियां बनाई जा रही हैं। देश के 80 अखबारों में विज्ञापन भी जारी किया गया है।
नागालैंड, त्रिपुरा, कच्छ में भी विज्ञापन जारी किया गया है। मकर संक्रांति के दिन अपने-अपने शहर के बड़े-बडे लोगों जैसे की मुख्यमंत्री, राज्यपाल आदि से संपर्क करने को कहा गया है। चंपत राय ने बताया कि 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाया था। मंदिर निर्माण पर कितना खर्च आएगा इस पर मोदी जी का स्पष्ट कहना है कि कितना लगेगा इसको सोचने की जरूरत ही नहीं है।
बैठक का संचालन विहिप के उमाशंकर मिश्र ने किया। बैठक में ज.गु. डॉ. राघवाचार्य, महंत रामदास, संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, महंत सिया किशोरी शरण, ट्रस्टी महंत दिनेंद्र दास, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, महंत शशिकांत दास, गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, महंत पवन दास शास्त्री सहित अन्य संत-धर्माचार्य मौजूद रहे। बैठक में शामिल रंगमहल के महंत रामशरण दास ने रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार को लेकर चल रही चर्चाओं के चलते बन रही भ्रम की स्थिति को दूर करने की मांग ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से की। उन्होंने कहा कि राममंदिर के परिसर के विस्तार की बात सामने आ रही है जिसको लेकर लोगों व संतों में भ्रम है इस दुविधा को दूर करने की मांग की। इस पर चंपत राय ने स्पष्ट किया कि 70 एकड़ के परिसर के अतिरिक्त अधिग्रहण की कोई तैयारी नहीं है, न ही ऐसा सोचा है। अधिग्रहण का काम प्रशासन का है, ट्रस्ट का नहीं, कोई भ्रम में न रहे। चंपत राय ने बताया कि अभियान में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। जिन पर भरोसा होगा उन्हें की कूपन देंगे। दान के लिए 10,100,1000 के कूपन छपवाए गए हैं। 10 रुपए के चार करोड़ कूपन, 100 रुपए के 8 करोड़ कूपन, 1000 रुपए के 15 लाख कूपन, 15 लाख रसीदें तैयार की गई हैं। कूपन पर मंदिरों का चित्र छापा है। इसे घर में रखा जा सकता है। सीसे में मढ़वाया जा सकता है। देश के हर वर्ग से संपर्क करेंगे चंपत राय ने स्पष्ट किया कि निधि समर्पण अभियान के क्रम में देश के हर वर्ग से संपर्क किया जाएगा। कुछ लोग पूछते हैं कि क्या मुस्लिमों से भी राममंदिर निर्माण के लिए चंदा लिया जाएगा तो मेरा कहना है कि राम को अपना महापुरुष मानने वाले, भगवान व मर्यादा पुरुषोत्तम मानने वाले लोगों से संपर्क करेंगे। यही नहीं ऐसे लोग जो बाबर का आक्रमण देश पर कलंक है ऐसा मानते हैं उनसे भी संपर्क करेंगे राम ने सबको गले लगाया है, हम किसी का तिरस्कार नहीं कर सकते।

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