उपलब्धियों से भरा रहा जिलाधिकारी नितीश कुमार का कार्यकाल

by Next Khabar Team
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-अयोध्या के विकास को दी नई पहचान, समय से पूरा कराया एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन का काम, सकुशल सम्पन्न करायी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में जिलाधिकारी के रूप में 2010 बैच के आईएएस नितीश कुमार का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा। नितीश कुमार ने जनपद में 26 अक्टूबर, 2021 को कार्यभार ग्रहण किया था जिनका कार्यकाल 15 जुलाई, 2024 तक रहा। जनपद में इनका कार्यकाल लगभग 02 वर्ष 09 माह रहा। इस दौरान जनपद ने चहुमुँखी विकास किया और समस्त क्षेत्रों में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इन लगभग 03 वर्षों में राम नगरी की सूरत बदलने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस दौरान रिकार्ड समय में बहुत सी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं और बहुत सी परियोजनाएं गतिमान हैं वह आपके एक कामयाब प्रशासनिक क्षमता का बेजोड़ नमूना है और यह प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के लिए एक माडल है।

आपके कुशल नेतृत्व में 03 दीपोत्सवों का भव्य एवं सफल आयोजन हुआ जिसमें साल दर साल नये कीर्तिमान स्थापित हुए (दीपोत्सव-2021 में 9,41,551 दीयों, दीपोत्सव-2022 में 15,76,995 तथा दीपोत्सव-2023 में 22,23,000 दीयों का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड)। दीपोत्सव-2022 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की भी गौरवमयी उपस्थिति रही। अयोध्या धाम आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं को सुगम एवं निर्बाध यातायात सुविधा मुहैया कराने हेतु अयोध्या धाम को जोड़ने वाले विभिन्न मार्गों का वृहद् स्तर पर चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया गया। इसी क्रम में आपके कुशल मार्गदर्शन में राम पथ (सहादतगंज से लता मंगेश्कर चौक तक लगभग 13.00 कि0मी0), जन्म-भूमि पथ (राम पथ से जन्म-भूमि तक), भक्ति पथ (राम पथ से जन्म-भूमि पथ तक), धर्म पथ (एन0एच0-27 से पुराना सरयू पुल तक), एन0एच0-27 से महोबरा चौराहा होते हुए टेढ़ीबाजार राम पथ तक का कार्य पूर्ण हो चुका है, सुग्रीव पथ (हनुमानगढ़ी निकास द्वार से जन्म-भूमि पथ तक), क्षीरसागर पथ (अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से राम पथ तक), अवध आगमन पथ (क्षीरसागर पथ से राम पथ तक) आदि का कार्य प्रगति पर है।

अयोध्या-बिल्वहरि घाट (ए0 बी0 बन्धा) के समानान्तर फोरलेन में दशरथ पथ (अयोध्या बैकुण्ठ धाम वाया दशरथ समाधि पूराबाजार तक) का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। राजघाट से गुप्तारघाट तक बन्धे के समानान्तरण फोरलेन में लक्ष्मण पथ निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। अयोध्या धाम में पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण परिक्रमा पथों यथा-चौदहकोसी एवं पंचकोसी मार्ग का फोरलेन में चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण कर वृहद् स्तर पर जन सुविधाओं का भी कार्य प्रगति पर है। इसी के साथ ही इन मार्गांं पर पड़ने वाले रेलवे क्रॉसिंगों पर उपरिगामी सेतुओं यथा-रेलवे सम्पार सं0ः 112 (बड़ी बुआ), रेलवे सम्पार सं0ः 111 (टेढ़ी बाजार) का निर्माण कार्य रिकार्ड समय में पूर्ण हुआ है तथा रेलवे सम्पार सं0ः 107ए/2टी (दर्शननगर), सम्पार सं0ः 105 (सूर्यकुण्ड), रेलवे सम्पार संख्याः 108ए (आशिफबाग चौराहा, दर्शननगर) व रेलवे सम्पार सं0ः 118ए (फतेहगंज) का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है और रेलवे सम्पार सं0ः 108एसी (हलकारा का पुरवा) तथा रेलवे सम्पार सं0ः 121बी (मोदहा) का निर्माण कार्य गतिमान है। उक्त सभी मार्गों के चौड़ीकरण/सौन्दर्यीकरण एवं जन सुविधाओं के विकास हेतु भूमि अर्जन के बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य को पर्याप्त संख्या में आवश्यकतानुसार टीमों का गठन कर तथा प्रत्येक प्रभावित भूस्वामी/भवन स्वामी व दुकानदार के घर-घर जाकर समन्वय स्थापित कर पूर्ण कराया गया। आपके मार्गदर्शन में ही रिंग रोड (अयोध्या बाईपास) लम्बाई 67.572 कि0मी0 के निर्माण हेतु भूमि अर्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा चौरासीकोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण हेतु भी भूमि अर्जन हेतु फेजवार नोटीफिकेशन एवं अवार्ड की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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अयोध्या धाम को विभिन्न जनपदों से जोड़ने वाले मार्गों का भी चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण हुआ है जिसमें एन0एच0-330ए रायबरेली से अयोध्या धाम, अयोध्या धाम से अम्बेडकरनगर राज्य मार्ग आदि प्रमुख हैं जिसके चौड़ीकरण की सीमा में आने वाले काश्तकारों एवं भवन स्वामियों आदि से समन्वय स्थापित कर सम्पूर्ण भूमि अर्जन की कार्यवाही सम्पन्न करायी गयी। इसी के साथ ही अयोध्या धाम को हवाई परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दो वर्ष से कम के रिकार्ड समय में महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या धाम का संचालन प्रारम्भ हो चुका है जिसमें भूमि अर्जन के सबसे महत्वपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण कार्य को बिना किसी विवाद के सभी को सन्तुष्ट करते हुए एवं समन्वय स्थापित करते हुए पूर्ण किया गया। वर्तमान में एयरपोर्ट के फेज-1 का कार्य पूर्ण कर संचालन प्रारम्भ है जबकि एयरपोर्ट के तीनों फेजों के निर्माण हेतु भूमि अर्जन का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।


अयोध्या धाम में सड़क एवं हवाई यातायात की सुविधा संचालित होने के साथ ही श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन हेतु जल यातायात के लिए क्रूज संचालन कर कार्य भी प्रक्रियाधीन है। नितीश कुमार के जनपद अयोध्या के कार्यकाल में जहाँ एक तरफ अयोध्या में वृहद् स्तर पर आधुनिक पर्यटन एवं आवागम सुविधाओं का तीव्र गति से विकास हुआ है, वहीं दूसरी तरफ अयोध्या की पौराणिक ग्रन्थों एवं अयोध्या माहात्म्य में वर्णित ऐतिहासिक महत्व के कुण्डों, घाटों, मठ-मन्दिरों एवं भवनों को उनके निर्माण के समय में प्रयोग की गयी निर्माण सामग्रियों से ही सँजोने-सँवारने एवं संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है जो अयोध्या के वैभवपूर्ण वास्तुकला को प्रतिबिम्बित करेगा और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा जिसके क्रम में सूर्यकुण्ड, हनुमान कुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड, गणेश कुण्ड, अग्निकुण्ड, लक्ष्मीसागर कुंड, वैतरणी कुंड, निर्मली कुंड, गिरजा कुंड, विभीषण कुंड, देवकाली कुण्ड, दन्तधावन कुंड, प्रहलाद कुंड, जानकी कुण्ड, विद्या देवी कुंड, खर्जू कुण्ड, सीता कुंड, दशरथ कुंड, दुग्धेश्वर कुण्ड (सीताकुंड), जन्मेजय कुंड, नरकुंड, नंदीग्राम भरतकुंड, त्रिपुरारी कुंड, महर्षि वामदेव कुण्ड, सरोवर कुण्ड, बड़ी देवकाली कुण्ड, धन्याक्ष्य कुण्ड, विघ्नेश्वर नाथ शिव मंदिर, सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, छोटी देवकाली, नागेश्वर नाथ मंदिर, क्षीरेश्वर नाथ मंदिर, मुंडा शिवालय, मौनी बाबा आश्रम, कौशल्या घाट, महर्षि वामदेव आश्रम, महर्षि वेद व्यास गेट गौराघाट, महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब, दशरथ समाधि स्थल, श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि च्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, सिद्धेश्वर मन्दिर, जानकी महल, श्री बंधु बाबा आश्रम व महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब, ऋषभ सरभ पनास मन्दिर, राम कचेहरी मन्दिर, सिंघम मन्दिर, मयूर मन्दिर, कौशल्या घाट, कालेराम मंदिर, दिगम्बर अखाड़ा, वेद मंदिर, श्री सरोवर मन्दिर, विद्या देवी मंदिर, राम कचहरी व जानकीघाट, ब्रम्हकुण्ड गुरूद्वारा, सियाराम किला, मौर्या मंदिर व रत्न सिंहासन राजगद्दी, अचारी मंदिर व छोटी देवकाली मंदिर, हनुमान मंदिर, गौरापुर, करतलिया बाबा मंदिर, राम पुस्तकालय व मंगल भवन, बरेली मंदिर, मणिराम दास की छावनी व तिवारी मंदिर, रंग महल मन्दिर, लक्ष्मण किला, राम गुलेला मंदिर व तुलसी चौरा, दशरथ भवन, चित्रगुप्त मंदिर व टेढ़ीयति महादेव मंदिर, मोतीहारी मंदिर, भरत महल मन्दिर व विश्वकर्मा मंदिर, नेपाली मंदिर (विभीषण कुण्ड) आदि में से अधिकांश पर पर्यटन सुविधाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष पर कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है।

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इनके अलावा बड़ी संख्या में ऐतिहासिक धरोहरों व विरासतों को सँजोने-सँवारने के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा चुका है। 150 वर्ष से अधिक पुराने ऐतिहासिक भवन दिलकुशा महल/अफीम कोठी का साकेत सदन के रूप में जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधाओं का विकास कार्य तथा ओम आकृति वाले वशिष्ठ भवन का अतिथि गृह के रूप में जीर्णोद्धार का कार्य अन्तिम चरण में है। राम की पैड़ी एवं सरयू आरती स्थल का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। आपके ही कार्यकाल में राम की पैड़ी से गुप्तारघाट तक बन्धे पर सड़क निर्माण कार्य हुआ। नितीश कुमार द्वारा लगभग 03 वर्ष के कार्यकाल के दौरान जनपद में प्रधानमन्त्री का 03 बार सहित राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, देश के लगभग सभी प्रदेशों के राज्यपाल, मुख्यमन्त्री (मय कैबिनेट) सहित विभिन्न देशों के विशिष्ट अतिथियों का सफल कार्यक्रम सकुशल सम्पन्न कराया गया। इस दौरान जनपद में मुख्यमन्त्री के 40 से अधिक बार आगमन पर सकुशल कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। आपके कार्यकाल में ही प्रधानमन्त्री की उपस्थिति में भव्य दीपोत्सव-2022 सम्पन्न हुआ।

इसके उपरान्त 30 दिसम्बर, 2023 को प्रधानमन्त्री द्वारा अयोध्या धाम में नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित विश्व स्तरीय अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया गया। 22 जनवरी, 2024 की शुभ घड़ी पर आयोजित प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम लला नये मन्दिर में विराजमान हुए जिसमें मा0 प्रधानमन्त्री जी सहित देश की अनेक जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत किया। केन्द्र एवं राज्य सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप अयोध्या ने जहाँ एक ओर विकास के नित्य नये कीर्तिमान स्थापित किये, वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हुआ।

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आपके दिशा-निर्देशन में ग्रामीण परिवेश के बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत 500 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना एवं संचालन प्रारम्भ हो चुका है जबकि 100 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना प्रक्रियाधीन है। वहीं वन्य जीवों, पक्षियों एवं जल संरक्षण हेतु तहसील रुदौली में 80 हेक्टे0 क्षेत्रफल में कामाख्या धाम के पास जैव विविधता पार्क का विकास किया गया है। तहसील सोहावल क्षेत्रान्तर्गत स्थित समदा झील का ‘श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय पक्षी विहार’ के रूप में विकसित किया गया है। इसी के साथ ही सुरवारी झील एवं उधैला झील को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रस्तावित है।

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