-’’अयोध्या के सांस्कृतिक धरोहर स्वरूप विषयक नौ दिवसीय ऑयल चित्रण कार्यशाला’’
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास तथा ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ’’अयोध्या के सांस्कृतिक धरोहर स्वरूप विषयक नौ दिवसीय ऑयल चित्रण कार्यशाला’’ का उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 अखिलेश कुमार सिंह ने ऑनलाइन मोड मे किया। कार्यशाला के सह अध्यक्ष कुलपति सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर के0 रंजीव सिंह वाई0 एस0 एम0 कमान्डेन्ट, डोगरा रेजिमेन्ट, अयोध्या ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्जवलन करके किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो0 अखिलेश कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को आर्शिवचन प्रदान करते हुए कहाकि अयोध्या के सांस्कृतिक धरोहर विषयक यह नौ दिवसीय राष्ट्रीय पेंटिंग कार्यशाला निश्चित रूप से अवध क्षेत्र के पौराणिक धरोहरो के साथ देश के अन्य क्षेत्रो की सांस्कृतिक धार्मिक एवं पौराणिक विभिन्नताओं की कलाकृतियों को संरक्षित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी। इससे युवा पीढ़ी ऐतिहासिक धरोहरो से परिचित होगी तथा राष्ट्र में लोक संस्कृति एवं संरक्षण का विकास होगा। कुलपति प्रो0 सिंह ने फाईन आर्ट्स विभाग के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के चित्रण कोर्सो की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हर स्तर पर सहयोग प्रदान किया जायेगा।
कार्यक्रम के सह अध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने छात्र-छात्राओं द्वारा निरन्तर मनमोहक लोककलाओं के सृजनात्मक कार्य की भूरि-भूरि सराहना करते हुए विभाग द्वारा इस तरह के कार्यशालाओं के आयोजन के लिए सभी को उत्प्रेरित किया तथा विश्वविद्यालय प्रशासन स्तर पर हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया और यह बताया कि छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन एवं सर्वागीण विकास में वित्त की कोई कमी नही आने दी जायेगी। प्रो0 सिंह ने ऐतिहासिक पौराणिक धरोहरोके बारे मे छात्र-छात्राओं को बड़े ही वृहत तरीके से समझाया और बताया कि विश्वविद्यालय ने हेरिटेज अयोध्या पर अर्न्तराष्ट्रीय अधिवेशन किया जा चुका हैं।
मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर के0 रंजीव सिंह, वाई0 एस0 एम0 कमान्डेन्ट डोगरा रेजीमेन्ट ने अपने उद्बोधन में आयोजन समिति के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यह बताया कि अनेकता में एकता लिए विभिन्न ऐतिहासिक एवं पौराणिक धरोहरो के सैन्य कलात्मक चित्रण से निश्चित रूप से भारतीय सेना एवं सामान्य समाज में एक अर्न्त सम्बंध अवश्य विकसित होगा। उन्होने बताया कि इस कार्यशाला में निर्मित होने वाली कलाकृतियाँ देश की विभिन्न शैलियों एवं धार्मिक सांस्कृतिक स्वरूपों से सुसज्जित होगी, जोकि निश्चित रूप से सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा।
कार्यशाला की संयोजिका ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग की आचार्य डॉ0 सरिता द्विवेदी ने बताया कि ’’नौ दिवसीय पेंटिंग कार्यशाला’’ में विभाग के कुल 150 बच्चों की प्रतिभागिता होगी, जिनके द्वारा कैनवास पेन्टिंग एवं तैल्य चित्रण का कार्य किया जायेगा। छात्र-छात्राओं को विभागीय शिक्षको एवं बाहय विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर मनमोहक कलाकृतियों के निर्माण हेतु प्रशिक्षित किया जायेगा। डॉ0 द्विवेदी द्वारा बताया गया कि यह कार्यशाला भारतीय सेना के सम्मान में सैन्य कलात्मक स्वरूपों से उत्प्रेरित है, जिसमें पौराणिक एवं सांस्कृतिक विधाओं के बहुयामी स्वरूपों को सम्मिलित किया जायेगा।
फाईन आर्ट्स विभाग के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अयोध्या के सांस्कृति धरोहर विषयक पेन्टिंग कार्यशाला 18 अगस्त से प्रारम्भ होकर 27 अगस्त को समापन होगा। जिसमें फाईन आर्टस विभाग शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ, आर्ट्स कालेज लखनऊ तथा फाईन आर्ट्स विभाग बी0एच0यू0 के विषय विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। कार्यशाला के वित्तीय प्रबन्धन हेतु डोगरा रेजिमेन्ट, विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सहयोगी संस्थाओं द्वारा कार्य को सम्पन्न कराया जायेगा।
इस अवसर पर विभागीय आयोजन समिति के सदस्यों श्रीमती रीमा सिंह, श्रीमती सरिता सिंह, आशीष प्रजापति, डॉ0 अलका श्रीवास्तव के साथ प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 आर0 के तिवारी, प्रो0 राजीव गौड, प्रो0 तुहिना तर्मा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 प्रिया कुमारी, डॉ0 अनुराधा सिंह, सुशील कुमार तिवारी, अम्बेडकर चेयर के शैलेन्द्र कुमार सिंह, दरकख्शां खान तकनीकी सत्र में इं0 राजीव कुमार के साथ गैरशैक्षणिक कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, शिव शंकर यादव बड़ी संख्या में शोध छात्र उपस्थित रहे।