Breaking News

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कृषि शिक्षा में होगा बड़ा बदलाव : डा. आर.सी. अग्रवाल

-“कृषि में लेजर प्रौघ्द्योगिकियों का अनुप्रयोग“ एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर व्याख्यान का आयोजन

कुमारगंज। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौघ्द्योगिक विश्वविद्यालय के हाईटेक हाल में “कृषि में लेजर प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग“ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि शिक्षा नई दिल्ली के उप महानिदेशक डा.आर.सी. अग्रवाल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) नई दिल्ली की वैज्ञानिक डा. ललिता अग्रवाल एवं कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया।

इस दौरान आईसीएआर के डीडीजी कृषि शिक्षा ने नई शिक्षा नीति पर विश्वविद्यालय के संकायों और छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित किया। बतौर मुख्यअतिथि डीडीजी डा. आर.सी. अग्रवाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कृषि शिक्षा में बड़ा बदलाव होगा। इससे छात्रों के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से श्रीलंका, बांग्लादेश जिम्बाब्वे आदि जगहों के विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ाई करने का मौका मिला और अपने देश के विद्यार्थी भी विदेशों में गए हैं। समय के अनुसार परिवर्तन को ध्यान में रखकर खेती में नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है।

कहा कि कृषि के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा जरूरी है नहीं तो 2030 तक मात्र 59 प्रतिशत लोगों को ही भोजन मिल पाएगा। छात्रों से भी संवाद स्थापित किया। कहा कि किसी भी कार्य को करने से पहले लक्ष्य का निर्धारण और रुचि जरूरी है। सभी छात्र छात्राएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स व दीक्षा पोर्टल का उपयोग अवश्य करें।

डीआरडीओ नई दिल्ली की वैज्ञानिक डा. ललिता अग्रवाल ने कृषि में लेजर के प्रयोग पर जानकारी दी। कहा कि लेजर प्रकाश की एक बहुत ही संकीर्ण किरण उत्पन्न करता है जो कई प्रौघ्द्योगिकियों एवं उपकरणों में उपयोगी है। उन्होंने बताया कि लेजर का उपयोग कृषि में तकनीकि सुविधा के लिए जरूरी है।

उन्होंने बताया कि बीज के अंकुरण, पौधों की वृद्धि और तनाव सहनशीलता को बढ़ाने के लिए लेजर बायोस्टिम्यूलेशन एक आशाजनक और टिकाऊ दृष्टिकोण के रूप में उभरा है। लेजर लैंड लेबलर का प्रयोग खेतों को समतलीकरण के लिए किया जाता है। उन्होंने लेजर प्रयोग के विभिन्न आयामों पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विवि के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने इस मौके पर विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया। कुलपति ने यूनिवर्सिटी की एक्रीडिटेशन में नाहेप की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए डीडीजी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान नाहेप के उद्देश्यों और कृषि में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के योगदान को प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया। इससे पूर्व सभी अतिथियों को बुके एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण व जल भरो के साथ किया गया। कार्यक्रम का संयोजन नाहेप के नोडल अधिकारी डा. डी. नियोगी ने किया। स्वागत संबोधन कुलसचिव डा. पी.एस प्रमाणिक तथा कार्यक्रम का संचालन डा. सुप्रिया ने किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  अयोध्या कैंटोनमेंट बोर्ड कार्यालय में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मारा छापा

About Next Khabar Team

Check Also

बाइक सवार युवक को ट्रक ने रौंदा, दर्दनाक मौत

-ग्राम पाराताजपुर रमनी स्थित नेताजी ब्रिक फील्ड प्रीतम बाबू के भठ्ठे पास हुई दुर्घटना मिल्कीपुर-अयोध्या। …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.