Breaking News

अवध विश्वविद्यालय में प्रेरक कार्यक्रम के तहत हुआ नव-अभिव्यंजन

-प्रेरक कार्यक्रम के तीसरे दिन प्रश्नोत्तरी, अन्ताक्षरी एवं कला के गुण विषय पर व्याख्यान आयोजित

 

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग तथा अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त संयोजन में आठ दिवसीय प्रेरक (इन्डक्सन) कार्यक्रम ’’नव अभिव्यंजन’’ के तीसरे दिन बुधवार को प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं अन्ताक्षरी के अलावा कला के गुण विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें आवासीय परिसर के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका डॉ0 सरिता द्विवेदी ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए समकालीन कला के व्याख्यान से लाभन्वित किया। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान में चल रही कला एवं कलाकारों के कलाकृतियों के गुण से परिचित कराया।

उन्होंने बताया कि मानव जीवन में कला का विशेष महत्व है। कला की विभिन्न विधाओं चित्रकला, मूर्तिकला व्यवसायिक कला जीवन दर्शन को दर्शाता है। पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी की आयोजन सचिव श्रीमती रीमा सिंह ने कला के गुण पर व्याख्यान देते हुए बताया कि कोई पेंटिंग कैसे कीमती हो जाती है? यह कला समाज द्वारा तय होता है। ’इन्डक्सन प्रोग्राम’ में कला प्रदर्शनी का अवलोकन करने आए भौतिकी एवं इलेक्टॉनिक्स विभाग के डॉ0 अनिल कुमार ने छात्र-छात्राओं की कलाकृतियों के व्यावसायीकरण की बात कही और यह बताया कि स्वंय कलाकारो, कलासमीक्षकों, गैलरीयों, संग्रहालयों, कला संग्रहको, पारखियों, नीलामीघरों आदि से पेंटिंग कीमती होती है। कोई कृति किसी कलाकार ने एक बार बना दी है, तो ठीक वैसी ही फिर नही बनेगी और जब वह कलाकार इस दुनिया में नही रहेगा तो ’उस जैसी’ कृति की सम्भावना भी समाप्त हो जायेगी। कलाकृतियों की कीमत समय के साथ बढ़ती रहती है।

विभागीय शिक्षिका श्रीमती सरिता सिंह ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता से संबंधित प्रश्नो को छात्र-छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत किया साथ ही विभागीय शिक्षक आशीष प्रजापति एवं अलका श्रीवास्तव के सहयोग से सामूहिक अंताक्षरी कार्यक्रम का संचालन किया। अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के विभागाध्यक्ष एवं समन्वयक फाईन आर्ट्स प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग में छः दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शनी सभी विभागो के छात्र-छात्राओं शिक्षक एवं अधिकारियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। प्रो0 श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदर्शनी को देखने के लिए कई कॉलेज एवं स्कूल के बच्चे भी आ रहे है। हर लोगो ने कलाकृतियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा भविष्य में कला- विषय के बारे में अध्ययन एवं अध्यापन हेतु प्रेरित हुए।

आठ दिवसीय इन्डक्सन कार्यक्रम के द्वारा नव प्रवेशित छात्र-छात्राएें अत्यधिक लाभाविंत हो रहे है। अतिथियों ने राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी मे प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को साधुवाद देते हुए उन्हे निरंतर अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से प्रो0 आशुतोष ंसिन्हा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, तथा उपस्थित छात्रों में दिव्या, मीना, वैष्णवी, रोहन, अमित, आनन्द, मानसी, निशान्त, साक्षी, अक्षय, सुनिधी आदि के साथ गैरशैक्षणिक कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, शिव शंकर यादव बड़ी संख्या में छात्र-छात्राये उपस्थित रहे।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  स्व. प्रभात सिंह की पुण्यतिथि 5 जनवरी को होगा कंबल वितरण व प्रतिभा सम्मान समारोह

About Next Khabar Team

Check Also

शूटिंग एकाग्रता और सहनशीलता का खेल : अनिरूद्ध सिंह

-शूटिंग प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को एडीएम प्रशासन ने किया सम्मानित अयोध्या। एक दिवसीय शूटिंग …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.