डा. दिग्विजय नाथ ने की थी महिला की नसबंदी, आपरेशन सम्बन्धित कागजात लेकर रफूचक्कर हुई आशा बहू
अयोध्या। राजकीय श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या में नसबंदी कराने वाली महिला को मरणासन्न अवस्था में मंगलवार को जिला चिकित्सालय में काफी जद्दोजहद के बाद भर्ती कराया गया। श्रीराम चिकित्सालय में 28 सितम्बर को डा. दिग्विजय नाथ ने नसबंदी आपरेशन किया था। आपरेशन के दूसरे दिन ही महिला को उल्टी होने लगी। इस बींच वह अपने मायका दालमण्डी फतेहगंज आ चुकी थी। उसे दोबारा श्रीराम चिकित्सालय में 29 सितम्बर को भर्ती कराया गया परन्तु देररात उसे मेडिकल कालेज दर्शननगर रिफर कर दिया गया वहां भी कुछ घंटे इलाज के बाद हालत गम्भीर बताते हुए ट्रामा सेंटर लखनऊ रिफर कर दिया गया। थोड़ा बहुत इलाज तो हुआ परन्तु ट्रामा सेंटर में महिला को बेड तक नसीब नहीं हुआ। नतीजतन मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की सलाह पर उसे विवेकानन्द पॉली क्लीनिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पीड़िता 30 वर्षीय वंदना पुत्री श्यामदेव अपने मायका दालमण्डी फतेहगंज आयी हुई थी। वंदना पांच बच्चों की मां है। सहादतगंज क्षेत्र की आशा बहू गीता वर्मा ने वंदना को निर्धनता का हवाला देते हुए कहा यदि तुम नसबंदी करा लोगी तो तुम्हे कुछ धनराशि मिल जायेगी। गीता वर्मा ही वंदना को श्रीराम चिकित्सालय ले गयी जहां डॉ. डी. नाथ ने ऐसा नसबंदी आपरेशन किया कि उसका जीवन राम भरोसे हो गया। वंदना के भाई आशीष ने बताया कि उसकी बहन का विवाह मिल्कीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पिलाई के रामतीरथ से हुआ है जो मजदूरी आदि करके गुजर बसर करता है। भाई आशीष ने वंदना को मंगलवार को लाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया है परन्तु वंदना का बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा है और सूखकर वह कांटा हो गयी है। दूसरी ओर मामले की जानकारी होने के बाद भी जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अनुज कुमार झा ने अभी तक गलत नसबंदी आपरेशन करने वाले डा. डी.नाथ व आशा बहू गीता वर्मा के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं किया हैं पीड़िता के भाई आशीष ने बताया कि आशा बहू गीता वर्मा उसके घर दालमंडी आयी थी और अस्पताल के सारे कागजात समेटकर चली गयी। आशा बहू का मोबाइल भी बंद है जिससे कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।