भारतीय समाज में दिव्यांगजनों की भूमिका पर हुआ सेमिनार
अयोध्या। दिव्यांगजनों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन रविवार को हुआ दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण व पुनर्वास व उनके सुविधाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा कि गयी। वर्तमान भारतीय समाज में दिव्यांगजनों की भूमिका विषय पर मुख्य अतिथि कमला कान्त पाण्डेय महासचिव सक्षम ने बताया कि मूक बधिर बच्चों के लिए व दिव्यांगों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाए चलायी जा रही है तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा कार्य किया जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए विद्वानों में डॉ. आशुतोष कुमार आडियो लाजिस्ट अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने कोकलियर प्लान्टेशन के बारे में बताया। सी. आर. सी. गोरखपुर के सहायक निदेशक नीरज मधुकर ने सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। सेमिनार में साकेत महाविद्यालय के विधि विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. ए. के. राय ने दिव्यांगो के अधिकारों को विस्तारपूर्वक बताया। दिव्यांगो के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार ने राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि दिव्यांग अधिकार कानून 2016 के अनुसार दिव्यांगो के 21 प्रकार का हो गया है। कानून में नये दिव्यांग कोर्ट की स्थापना की बात की गई है। भारत में दिव्यांगो के मानवाधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है द्य अशोक द्विवेदी ने एडवोकेसी के बारे में दिव्यांगो से सम्बन्धी भिन्न-भिन्न एक्शन के बारे में विस्तार से बताया।
सेमिनार में देश के 15 राज्यों से आये प्रतिभागी शामिल हुए इस मौके पर ओंकार यादव, रवीन्द्र कुमार अग्रहरि, कृष्ण कुमार गुप्ता, जितेन्द्र मिश्रा, प्रवेन्द्र कुमार सिंह, साक्षी दूबे, शिवानन्द मिश्रा, वीरेन्द्र कुमार, राज किशोर यादव, काली प्रसाद मिश्रा, चन्द्र प्रताप दूबे, इन्द्रावती यादव, सुरेश कुमार सोनी, लाल जी यादव, राम नारायन यादव, सुखदेव यादव, विजय कुमार व अन्य मौजूद रहे।