-तीन दिवसीय कबीर मेला व आध्यात्मिक सम्मेलन का हुआ समापन
अयोध्या। श्री कबीर धर्म मंदिर सेवा समिति जियनपुर, महोबरा बाजार में चल रहे तीन दिवसीय कबीर मेला व आध्यात्मिक सम्मेलन का शनिवार को समापन हुआ। मौका था सद्गुरु रामसूरत साहेब और उदार साहेब के पुण्य स्मृति का। इस अवसर पर कबीर मेले एवं आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन के अंतिम दिवस मुख्य अतिथि में उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता एमबी सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि कबीर दास अवतरित पुरुष थे। वह सदैव सच्चाई के मार्ग पर चले। लोगों को इस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शांति, सद्भाव और एकता का संदेश दिया। आज जरूरत है उनके विचारों को आत्मसात करने की। संत कबीर बहुत बड़े समाज सुधारक थे। समाज को सुधारने के लिए बहुत सारे कदम उठाए। एक-एक व्यक्ति को सुधारने का काम किया। इसलिए वह युग दृष्टा कहलाए। मुख्य वक्ता विश्व कबीर विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य महंत मनमोहन साहेब ने कहा कि सद्गुरु कबीर ने सभी को समता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने छुआ-छूत, ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाया। समता मूलक समाज की स्थापना किया। इस धरती पर कबीर जैसा अद्भुत कोई नही पैदा हुआ है। उन्होंने अपने विचार और वाणी से पूरी दुनिया को झकझोर दिया। समाज को जगाने का काम किया। उनका दर्शन हम सबके लिए अमृत के समान है। विशिष्ट अतिथि इस्पात मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व सदस्य जैस वर्मा ने कहा कि सद्गुरु कबीर के निर्गुण सुनने में शांति मिलती है। उनके दर्शन में सारी चीजें समाहित हैं। आज जरूरत है संत कबीर के दर्शन में गोता लगाने की। उनकी उपलब्धियों और दर्शन को दुनिया के लोगों ने अपनाया है। सम्मेलन में साध्वी नंदिनी वृंदावन, संत बिहारी साहेब, रामसिंह साहेब, हरिकेश वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले आए हुए अतिथियों ने सद्गुरु रामसूरत साहेब और उदार साहेब के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। तत्पश्चात कबीर धर्म मंदिर सेवा समिति अध्यक्ष उमाशंकर साहेब द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत-सम्मान किया गया। संचालन कबीर मठ के मंत्री संत विवेक ब्रह्मचारी ने किया।