– तालीम ओ तर्वियत हैदराबाद की ओर से कार्यशाला का आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि के स्वामी विवेकानन्द सभागार में उद्योग को उद्यम केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव सूचना एवं लघु उद्योग डॉ नवनीत सहगल रहे। उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के पूर्व उप कुलपति जफर सरेशवाला की संस्था तालीम ओ तर्वियत की ओर से आयोजित कार्यशाला में डॉ नवनीत सहगल ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अनेक क्षेत्रो में व्यवसाय को बढ़ाने में कार्य किए गए हैं। मुख्य प्राथमिकता है कि अपनी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल, इन्टर या अन्य उच्च शिक्षा के आधार पर युवाओं को उद्यम के लिए प्रेरित करना है। कोरोना काल में निजी एवं सरकारी क्षेत्रो में नौकरियो में कमी आई है। ऐसे में एक उद्योग यूनिट से यदि 05 लोग रोजगार पाते है तो वहीं रॉ-मैटेरियल बनाने में अन्य को भी विशेष मदद मिलती है। बताया कि आगामी दिनो में 31 हजार करोड़ खर्च कर 20 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है। जिसमें उद्यमी के लिए प्रदान किये जाने वाला ऋण भी शामिल है। बताया कि लगभग 4.37 लाख लघु उद्योग इकाइयो पर 11 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। लोन मेलो के माध्यम से 6.47 लाख नई उद्योग इकाइयो के स्थापना में 20 हजार करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराए जा चुके हैं। कहा कि युवा ज्यादा योग्यता के चक्कर में न पड़े जो उसके पास है उसी से उद्यमी प्रवृति का विकास करें। बताया कि फिलिप कार्ड, अमेजन आदि अनेक उद्यमी है जो परम्परागत रूप से उद्योगपति की श्रेणी में नही फिर भी उन्होंने 40-45 साल की ही उम्र में एक साम्राज्य खड़ा कर लिया है जो युवा उद्यमी को प्रेरित किया है।
इससे पहले अपर मुख्य सचिव के आगमन पर विश्वविद्यालय परिसर में डीएम अनुज झा एवं विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा रविशंकर सिंह ने स्वागत किया। जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव को कार्यशाला के सम्बन्ध में जानकारी दी ।कहा कि इस जनपद के व्यवसायी एक जिला एक उत्पाद में बहुत उत्साहित हैं। इन्हे विशेषकर गुड़ के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा रहा है। सौफ, सोठ, मेवा आदि डालकर गुड़ का उत्पाद करने का आहवान किया। पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के लिए महिला सशक्तीकरण के नाम पर अनेकों कार्यक्रम चलाये जा रहे है, पर महिलाओं ने अभी भी गृह कार्य को उद्योग का दर्जा नही मिला है। घरेलू उद्योग पर आधारित महिलाओं के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आना चाहिए। कार्यशाला में पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव रूपीन्दर बरार ने छोटे छोटे खिलौने बनाने तथा संस्कृति पर आधारित कलाकृति को पर्यटन क्षेत्रों में बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई। कार्यशाला में अनेक प्रेरक, उद्यमियों एवं बैंक प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। अन्त में उपकुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये उद्योग विभाग के एक जनपद एक उत्पाद पर आधारित प्रदर्शनी स्टाल का अवलोकन किया तथा सराहना किया।