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अन्याय पर आधारित मौजूदा समाज-व्यवस्था में परिवर्तन की जरूरत

जनौस ने मनाया शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू का शहादत दिवस

अयोध्या। भारत की जनवादी नौजवान सभा द्वारा शहीदे आजम भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु का शहादत दिवस नगर निगम के सामने भगतसिंह पार्क में प्रतिमा पर माल्यर्पण करके मनाया गया और वरिष्ठ कामरेड राजेश नन्द की अध्यक्षता में गोष्ठी की किया गया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जनौस के प्रदेश महासचिव कामरेड सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि क्रांतिकारियों ने अपने लिए नही अपनो के लिए गर्दन कटाई,भगतसिंह से नीचे की अदालत में पूछा गया था कि क्रांति से हम लोगों का क्या मतलब है ? इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा था कि क्रांति के लिए खूनी लड़ाइयाँ अनिवार्य नहीं है और न ही उसमें व्यक्तिगत प्रतिहिंसा के लिए स्थान है .वह बम और पिस्तौल का सम्प्रदाय नहीं है .क्रांति से हमारा अभिप्राय है — अन्याय पर आधारित मौजूदा समाज-व्यवस्था में आमूल परिवर्तन करने की जरूरत।
कामरेड शिवकुमार श्रीवास्तव पल्लन ने कहा कि समाज का प्रमुख अंग होते हुए भी आज मजदूरों को उनके प्राथमिक अधिकार से वंचित रखा जा रहा है और उनकी गाढ़ी कमाई का सारा धन शोषक पूंजीपति हड़प जाते हैं.दूसरों के अन्नदाता किसान आज अपने परिवार सहित दाने-दाने के लिए मुहताज हैं.दुनिया भर के बाजारों को कपड़ा मुहैय्या करने वाला बुनकर अपने तथा अपने बच्चों के तन ढकने भर को भी कपड़ा नहीं पा रहा है.सुन्दर महलों का निर्माण करने वाले राजगीर ,लोहार तथा बढ़ई स्वयं गन्दे बाड़ों में रहकर ही अपनी जीवनलीला समाप्त कर जाते हैं।
जिलाध्यक्ष कामरेड धीरज द्विवेदी ने कहा कि समाज के जो शोषक पूंजीपति जरा जरा – सी बातों के लिए लाखों का वारा-न्यारा कर देते हैं. यह भयानक असमानता और जबर्दस्ती लादा गया भेदभाव दुनिया को एक बहुत बड़ी उथल-पुथल की ओर ले जा रहा है .यह स्थिति अधिक दिनों तक कायम नहीं रह सकती.स्पष्ट है कि आज का धनिक समाज एक भयानक ज्वालामुखी के मुँह पर बैठकर रंगरलियां मना रहा है और शोषकों के मासूम बच्चे तथा करोड़ों शोषित लोग एक भयानक खड्ड की कगार पर चल रहे हैं।
मंडल प्राभारी कामरेड विनोद सिंह ने कहा कि साम्यवादी सिद्धांतों पर समाज का पुननिर्माण करें.जब तक यह नहीं किया जाता और मनुष्य द्वारा मनुष्य तथा राष्ट्र द्वारा दूसरे राष्ट्र का शोषण , जो साम्राज्यशाही के नाम से विख्यात है। पूरा ब्लाक प्राभारी कामरेड जसपाल ने कहा कि क्रांति से हमारा मतलब अन्ततोगत्वा एक ऐसी समाज-व्यवस्था की स्थापना से है जो इस प्रकार के संकटों से बरी होगी और जिसमें सर्वहारा वर्ग का आधिपत्य सर्वमान्य होगा और जिसके फलस्वरुप स्थापित होने वाला विश्व संघ पीड़ित मानवता को पूंजीवाद के बंधनों से और साम्राज्यवादी युद्ध की तबाही से छुटकारा दिलाने में समर्थ हो सकेगा। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कामरेड राजेश नन्द ने कहा कि आज युवाओं को क्रान्तिकारियो के बताए हुए मार्ग पर चलने की जरूरत है।और युवाओं को आज अपने शिक्षा व रोजगार के सवाल को लेकर आगे आना होगा।
कार्यकम महावीर पाल,विष्णु प्रताप सिंह मुन्ना,कामरेड वविता,कामरेड शिवकुमार श्रीवास्तव पल्लन,जनवादी ई रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष कामरेड इकबाल खन्ना, कामरेड रामजी,कामरेड दुर्गा,कामरेड विनोद सिंह,भाकपा माले नेता कामरेड उमाकांत विश्वकर्मा,इनौस नेता कामरेड रामसिंह,भाकपा नेता कामरेड अशोक तिवारी,युवा नेता कामरेड बद्री प्रसाद यादव,राजकपूर,वरिष्ठ मजदूर नेता कामरेड जमुना सिंह,और कामरेड अखिलेश चतुर्वेदी सहित कई साथी मौजूद रहे।

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