पं. दीन दयाल उपाध्याय-व्यक्तित्व एवं चितंन विषय पर हुई संगोष्ठी
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग में पं0 दीनदयाल उपाध्याय की 104 वीं जयंती के उपलक्ष्य में ”पं0 दीन दयाल उपाध्याय-व्यक्तित्व एवं चितंन” विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश के सह संयोजक रवि तिवारी, विशिष्ट अतिथि स्वयंसेवक संध के महानगर प्रचारक अनिल एवं संघ के विभाग सेवा प्रमुख आनन्द रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के प्रो0 आर0एल0 सिंह ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रवि तिवारी ने कहा कि पं0 दीनदयाल मात्र एक व्यक्ति नही शास्वत विचारों की एक ऐसी परम्परा है तो भारत को भारत बनाता है। दीन दयाल का विचार था कि सारी सृष्टि एक दूसरें से जुड़ी हुई है और इस विचार पर कार्य करते हुए उन्होंने एकात्म मानववाद का स्वरूप प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत की सनातन वाद की परम्परा को युवानुकूल बनाने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय द्वारा कुछ गांव को गोद लेने की सराहना की। महानगर प्रचारक अनिल ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय के लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहा है। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी कार्यशैली से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। विभाग सेवा प्रमुख आनन्द ने कहा कि प्राचीन भारत आज के भारत से कही अधिक विकसित एवं व्यवस्थित था। भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए प्राचीन भारत की समाज एवं कार्यव्यवस्था का अध्ययन आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो0 आर0एल0 सिंह ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय की नीति सबकों साथ लेकर चलने की थी और आज देश को विकास के लिए इसी समग्र विकास की नीति को अपनाने की आवश्यकता है। प्रो0 सिंह ने कहा कि नीति बनाना जरूरी है परन्तु उनका क्रियान्वयन करना और भी ज्यादा जरूरी है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के समन्वयक प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पं0 दीनदयाल के विचारों को आज आत्मसात् करने की जरूरत है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ पं0 दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रो0 राजीव गौड, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 आर0के0 सिंह, डॉ0 प्रिया कुमारी, डॉ0 प्रदीप त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।