प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगल ध्वनि से गूंजेगा नव्य भव्य राम मंदिर

by Next Khabar Team
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-प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर परिसर में 2 घंटे तक विभिन्न वाद्ययंत्रों का होगा वादन

अयोध्या। भक्ति भाव से विभोर अयोध्या धाम में सोमवार को श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से होगी। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक होगी, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करने का कार्य करेगी। इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और संयोजक यतीन्द्र मिश्र हैं, जो प्रख्यात लेखक, अयोध्या संस्कृति के जानकार और कलाविद् है। इस कार्य में उनका सहयोग केंद्रीय संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली ने किया है।

श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत और ऐतिहासिक अवसर पर प्रातः 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए ’मंगल ध्वनि का आयोजन किया जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है। इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह श्रीअवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहां के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहां श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं।

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विभिन्न राज्यों के पच्चीस प्रमुख और दुर्लभ वाद्य यन्त्रों के मंगल वादन से अयोध्या में ये प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा। इसे उन वादों के दक्ष कलाकार प्रस्तुत करेंगे। भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्यप्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्ययंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है। ये वादन ऐसे समय में चलेगा जब प्राण प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन नहीं हो रहा होगा। महत्वपूर्ण की बात ये है कि ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां स्वयं प्रेरणा से आ रहे हैं।

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था सख्त

-सोमवार को होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें 10,000 सीसीटीवी कैमरे लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किये गये हैं। अयोध्या में धर्मपथ और रामपथ से लेकर, जहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं हनुमानगढ़ी इलाके की गलियों और अशर्फी भवन रोड तक, पुलिसकर्मियों को सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने भी शनिवार को अयोध्या में गश्त की थी। शहर के लगभग हर प्रमुख चौराहे पर कंटीले तारों के साथ चलते-फिरते अवरोधक देखे जा सकते हैं, क्योंकि पुलिसकर्मी उनका उपयोग विशेष रूप से अति विशिष्ट जनों के आने-जाने के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए करते हैं।

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उप्र के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल में कहा था कि ’’22 जनवरी को होने वाला ’प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।’’ कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमार ने कहा, “इसके लिए पूरे अयोध्या जिले में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ सीसीटीवी कैमरों में हम एआई-आधारित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि हम यात्रियों पर कड़ी निगरानी रख सकें।“ कार्यक्रम स्थल पर सादे लिबास में बहुभाषी दक्ष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, “हम अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चल रही है। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त भीड़ को हटाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी।“ इसके पहले अयोध्या में ड्रोन की तैनाती के बारे में विस्तार से बताते हुए सुरक्षा मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक गौरव बंसवाल ने बताया था कि वहां एक एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की जा रही है । उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आसपास उड़ने वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन का पता लगाना है, जो तुरंत इसके टेक-ऑफ और गंतव्य बिंदु को बताएगा।
एसपी ने कहा, “इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी ड्रोन को आसानी से अपने नियंत्रण में ले सकता है, जिससे इसका रिमोट रखने वाले व्यक्ति का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। यह (अवांछित ड्रोन) तब हमारे नियंत्रण में होगा और हम इसे जहां चाहें वहां उतार सकते हैं।“

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