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प्राकृतिक चिकित्सा जीवन में मूल्यवान: प्रो. मनोज दीक्षित

योगोपचार विभाग व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित हुआ राष्ट्रीय सेमिनार

अयोध्या। डाॅ. रामनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के योगोपचार विभाग एवं इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का का शुभारम्भ संत कबीर सभागार किया गया। सेमिनार उद्घाटन के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित एवं विशिष्ट अतिथि आई0एन0ओ0 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 विमल मोदी तथा आई0एन0ओ0 के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डाॅ0 विनोद कश्यप रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही फार्मर प्रोफेसर राजकीय प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय हैदराबाद एवं आई0एन0ओ0 की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 विजयलक्ष्मी रेड्डी ने की। सेमिनार के उद्घाटन में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने वर्तमान जीवन शैली, जीवन मूल्यों तथा सामाजिक जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्वति हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव छोड़ रही है बजाय दानवता के रूप में प्रभावित कर रही है। हमारे जीवन मुल्यों की आज भारी क्षति हुई है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि भारत को स्वस्थ बनाने के लिए प्राकृतिक जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा-योग पर शिक्षा, शोध करने पर बल दिया और कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा हमारे जीवन में मूल्यवान है इसेे अपनाना चाहिए। प्रो0 दीक्षित ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आई0एन0ओ0 के प्रति आभार जताया। अध्यक्षता कर रही फार्मर प्रोफेसर राजकीय प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय हैदराबाद एवं आई0एन0ओ0 की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 विजयलक्ष्मी रेड्डी ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को आज के परिवेश में मानव जीवन शैली के गुणात्मक रूपान्तरण के लिए आवश्यक बताया। डाॅ0 रेड्डी ने योग व प्राकृतिक चिकित्सा को शिक्षा में जोड़ने का आह्वान किया तथा अपने जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा के अनुभवों को प्रतिभागियों के बीच साझा किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में आई0एन0ओ0 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 विमल मोदी ने योग प्राकृतिक चिकित्सा के सरलीकरण के अनेक सुझाव बताये। आई0एन0ओ0 के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डाॅ0 विनोद कश्यप ने बताया कि आई0एन0ओ0 द्वारा पिछले 18 वर्षों में योग-प्राकृतिक चिकित्सा को देश के 25 राज्यों में फैलाने का कार्य किया है। इसका मुख्य उद्देश्य योग-प्राकृतिक चिकित्सा को गाँव-गाँव व घर-घर तक पहँुचाना है। कार्यक्रम में आई0एन0ओ0 उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डाॅ0 ओम प्रकाश आनंद ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में सेमिनार के संयोजक एवं योगोपचार विभाग के समन्वयक प्रो0 संत शरण मिश्रा ने सेमिनार के उद्ेश्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। प्रो0 मिश्र ने बताया कि आई0एन0ओ0 तथा अन्य प्रतिभागियों को मिलाकर लगभग 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो 14 राज्यों से हैं। उन्होंने बताया कि दो दिनों तक होने वाले सेमिनार में 10 प्लीनरी स्पीकर्स तथा लगभग 50 कंट्रीब्यूट्री एवं अन्य प्रजेन्टर्स होंगे, जो योग एवं नेचुरोपैथी से संबंधित ज्वलंत एवं प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा, संवाद एवं संप्रेषण प्रस्तुत करेंगे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंटकर किया गया। सेमिनार का संचालन विभाग की शिक्षिका डाॅ0 अराधना ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 आलोक तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो0 आर0 एन0 राय, प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 सी0 के0 मिश्र, प्रो0 लाल साहब सिंह, प्रो0 ए0 के0 शुक्ल, प्रो. एस0 के0 रायजादा, प्रो0 एस0 के0 गर्ग, डाॅ0 आर0 के0 सिंह, डाॅ0 विनय मिश्र, डाॅ0 मुकेश वर्मा, डाॅ0 नरेश चौधरी, डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 बंशराज मौर्य, श्री अनुराग सोनी, गायत्री वर्मा, महिमा उपाध्याय, डाॅ0 प्रतिभा तिवारी, डाॅ0 मृदुला पाण्डे, डाॅ0 महेन्द्र पाल सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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Written by Next Khabar Team

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