-12वें वार्षिक कृषि विज्ञान केंद्र कार्यशाला में कुलपति व निदेशक ने किया प्रतिभाग
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह व निदेशक प्रसार प्रो ए पी राव एवं वैज्ञानिकों ने वाइ एस परमार कृषि विश्वविद्यालय, सोलन, हिमांचल प्रदेश में आयोजित देश के कृषि विज्ञान केंद्रों के 12वें द्विवार्षिक कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला में देश के सभी 732 कृषि विज्ञान केंद्रों के अध्यक्ष, प्रमुख वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। दो दिवसीय कार्यशाला प्राकृतिक खेती विषय को केंद्र में रख कर आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्घाटन हिमांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत उपस्थित रहे। प्राकृतिक खेती के समर्थक राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कार्यशाला में उपस्थित वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य रक्षा, व खाद्यान्न सुरक्षा के दृष्टिगत प्राकृतिक खेती के प्रचार, प्रसार के लिए व इसे लोकप्रिय बंनाने के उद्देश्य से एक मिशन के रूप में कार्य करें जिससे देश व मानव जाति का भला हो सके। गौरतलब हो कि आचार्य देवव्रत स्वयं प्राकृतिक खेती के सहारे कुरुक्षेत्र में अपने 200 एकड़ के फार्म का संचालन कर रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागियों को स्वलिखित पुस्तक कम लागत प्राकृतिक कृषि की प्रतियां भी उपलब्ध कराई। आचार्य देवव्रत ने वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती के मूल आधार जीवामृत, बीजामृत तथा घनजीवामृत के निर्माण व उपयोग के तरीकों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि ही हमारे किसान भाइयों को कृषि आधारित आय दोगुनी करने में आशानुरूप योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों के मन में बैठे भ्रम को देश के जनपदों में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ही दूर कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला से लौटते ही कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने निदेशक प्रसार प्रो ए पी राव को निर्देशित किया कि इस वर्ष से विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले सभी जनपदों के फार्मों पर प्राकृतिक खेती प्रारम्भ कराई जाए और इन फार्मों का भ्रमण व अवलोकन जनपदीय कृषकों को कराया जाय। निदेशक प्रसार प्रो ए पी राव ने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों से एक एक विषय वस्तु विशेषज्ञ को लखनऊ के रहमान खेड़ा स्थित राज्य संस्थान सीमा पर भेज कर प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण कराया जा चुका है तथा प्राकृतिक खेती के प्रमुख अवयवों को सभी कृषि विज्ञान केंद्रों को उपलब्ध करा दिया गया है और इसी वर्ष खरीफ फसल से प्राकृतिक खेती फार्मो पर प्रारम्भ करा दी जाएगी।