-अवध विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में बुधवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। इसमें शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर अपने विचार प्रस्तुत किए। विभाग के समन्वयक डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि 04 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी इसने 16 नम्बर, 1966 से विधिवत् कार्य प्रारम्भ कर दिया। इसी दिन को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप मनाया जाता है। यह दिवस पत्रकारों को सशक्त बनाने के साथ जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का अहसास कराता है।
विभाग के शिक्षक डॉ. आरएन पाण्डेय ने कहा कि पत्रकारिता के सामने चुनौतियां बहुत है। इसके उच्च आदर्शों को बनाये रखना जरूरी है। पत्रकारिता की विषयवस्तु समाज व लोकहित की होनी चाहिए जो सभी का आवाज बन सके। शिक्षक डॉ. अनिल कुमार विश्वा ने कहा कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। पत्रकारिता के आदर्शों व मापदण्डों को बचाये रखने में पत्रकारों के ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसका सही ढ़ग से निवर्हन कर रहें है। कार्यक्रम में विभाग के छात्र संदीप शुक्ल ने कहा कि लोकतंत्र को बचाये रखना मीडिया का प्रथम दायित्व है। रोशनी कुमारी ने कहा कि प्रेस को एक जिम्मेदार के रूप में देखा जाता है। जगग्नाथ मिश्र ने कहा कि मीडिया को पक्षपाती खबरों से बचना चाहिए। शैलेश यादव ने कहा कि पत्रकारिता लोगों की बीच सूचना पहुॅचाने का साधन है।
याशिनी दीक्षित ने कहा कि प्रेस परिषद प्रहरी के रूप में कार्य करता है। जनार्दन सिंह ने कहा कि मीडिया की निगरानी के लिए प्रेस परिषद एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है। गीताजंलि मिश्रा ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता का क्षरण होना चिन्ता का विषय है। इससे ऊबरने की जरूरत है। श्रिया मौर्या ने कहा कि ईमानदार प्रेस की मौजूदगी का अहसास प्रेस परिषद कराता है। कार्यक्रम में छात्रा आयुषी सिंह ने कहा कि प्रेस परिषद नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करता है। प्रणीता राय ने कहा कि प्रेस परिषद पत्रकारों को सशक्त बनाने के साथ मोरल वॉच डॉग की भूमिका में है। प्रगति ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करना पत्रकारिता का प्रथम धर्म है। स्वाति सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों व आदर्शों को बनाये रखना मीडिया का परमकर्तव्य है। शिवानी पाण्डेय ने कहा कि जनता का जागरूक करना पत्रकारिता का प्रथम ध्येय होना चाहिए।
अतुल कुमार ने कहा कि प्रेस परिषद को पत्रकारों पर हो रही घटनाओं पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में छात्रा पलक शुक्ला ने कहा कि प्रेस परिषद बेजुबानों की आवाज बने। कु0 दीक्षा ने कहा कि पत्रकारों को सशक्त बनाने के लिए प्रेस परिषद है। रिसाली त्रिपाठी ने कहा कि प्रेस परिषद की स्थापना में राजा राममोहन राय को भुलाया नहीं जा सकता। सौरभ मिश्र ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये प्रेस परिषद है। संजय यादव ने कहा कि पत्रकारिता को मिशन के रूप में कार्य करना होगा। हर्षित मौर्य ने कहा कि प्रेस परिषद की परिकल्पना पत्रकारों की संरक्षा के लिए की गई है।
हर्ष गौतम ने कहा कि पत्रकारिता के मिशन को बचाये रखना जरूरी है। इसी क्रम में उत्तम ओझा, हरिकृष्ण यादव व अभिषेक पाण्डेय ने भी प्रेस परिषद की जिम्मेदारियों से रूबरू कराया। कार्यक्रम का संचालन संदीप शुक्ल द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 अनिल विश्वा ने किया। इस अवसर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।