– भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर मिला पुरस्कार
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज कृषि जगत में अपने उत्तम कार्यों का लोहा मनवाते हुए एक बार फिर से पूरे देश में नया इतिहास रच दिया है। कृषि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती को “पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन राष्ट्रीय पुरस्कार” 2021 से नवाजा गया है। यह पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, दिल्ली के स्थापना दिवस के अवसर पर दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह व निदेशक प्रसार प्रो.ए.पी राव को अपने हाथों से दिल्ली में यह पुरस्कार भेंट किया।
पुरस्कार वितरण के दौरान कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री, पुरूषोत्तम रूपाला, डा. त्रिलोचन महापात्रा, महानिदेशक, आई.सी.ए.आर, व डा. अशोक कुमार सिंह, उपमहानिदेशक भी मौजूद रहे। कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डा. एसएन सिंह ने बताया कि यह केंद्र अपनी अलग तरह की तकनीकियों के लिए जाना जाता है। इस केंद्र के पेड़-पौधे व उत्तम किस्म के बीज बस्ती जिले के किसानों के साथ-साथ अन्य जिलों के किसानों को भी प्राप्त हो रहे हैं। यहां से वर्षों भर पेड़-पौधे व सब्जियों के उन्नत किस्म के बीज किसानों को दिए जाते हैं जिसके चलते लाखों की संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं। बेरोजगार लोगों को रोजगार दिलाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती का प्रयास हमेशा से सार्थक रहा है।
इस केंद्र से किसानों को रोजगारपरक जानकारी दी जाती है जिससे कि किसान भाई स्वरोजगार को अपनाकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें साथ ही दूसरों को भी रोजगार से जोड़ सकें। केंद्र को इस मुकाम तक पहुंचाने में प्रशासनिक अधिकारियों, इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया का सहयोग सराहनीय रहा है जिसके चलते आज कृषि विज्ञान केंद्र राष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्राप्त कर पूरे राज्य को गर्वान्वित कर रहा है। बताते चलें कि कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह के कुशल मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में 2019 में कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती को प्रदेश स्तर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ था। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज को “पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन राष्ट्रीय पुरस्कार’ 2021 प्राप्त होने से अधिकारियों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों व छात्र एवं छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।